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क्या अब करोड़ पति बन सकता है व्हेल की ‘उल्टी’ पाने वाला मछुआरा !

डिजिटल डेस्क, मुंबई। व्हेल की ‘उल्टी’ पाने वाला मछुआरा अब भी करोड़पति बन सकता है। फिलहाल यह साफ नहीं है कि बरामद पदार्थ रखना और बेंचना कानूनन जुर्म है या नहीं। पुलिस इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है। अधिकारियों के मुताबिक अगर यह गैरकानूनी नहीं हुआ तो मछुआरे को 20 करोड़ रूपए कीमत वाली एंबरग्रीस (ह्वेल की उल्टी) वापस कर दी जाएगी। सीनियर इंस्पेक्टर नितिन ठाकरे ने बताया कि मामले में गिरफ्तार तीनों आरोपियों के खिलाफ मुख्य रूप से पेंगोलिन (जंगली छिपकली) की खाल बरामदगी के मामले में वन्यजीव अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
पेंगोलीन अति दुर्लभ संरक्षित वन्य जीव की श्रेणी में आता है इसलिए उसे पकड़ने, मारने या खरीद फरोख्त की पाबंदी है। मामले में गिरफ्तार काशीनाथ पवार, दिलीप बिर्जे और ज्ञानेश्वर मोरे के पास से ठाणे पुलिस ने करीब छह किलो पेंगोलिन की खाल बरामद की थी। जिसका इस्तेमाल दवाइयों में किया जाता है। आरोपियों के पास से पेंगोलिन की खाल के अलावा ह्वेल मछली की उल्टी भी बरामद की गई थी जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है। इंस्पेक्टर ठाकरे ने बताया कि ह्वेल की उल्टी के मामले में अभी कानूनी राय ली जा रही है।
इसके अलावा बरामद पदार्थ (एंबरग्रीस) को फारेंसिक जांच के लिए भेजने के साथ-साथ हम मत्स्य पालन विभाग से भी सलाह लेंगे। इसके बाद अगर कानून के उल्लंघन का काई मामला सामने नहीं आया तो बरामद ह्वेल की उल्टी मछुआरे बिर्जे को सौंप दी जाएगी। बता दें कि बरामद ह्लेल की उल्टी की कीमत 20 करोड़ रुपए से ज्यादा है। बिर्जे ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि ह्वेल की ‘उल्टी’ उसे गुहागर समुद्री किनारे में मिली थी।
उसने पवार और मोरे की मदद से इसकी पहचान कराई। इसके बाद तीनों इसे बेचने के लिए ग्राहक तलाश रहे थे तभी ठाणे पुलिस की जाल में फंस गए। बता दें कि ह्वेल की उल्टी का इस्तेमाल महंगे इत्र, स्प्रे, दवाएं, सुगन्धित तेल, लुब्रिकेंट्स बनाने में होता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी भारी मांग होती है। इसलिए ह्वेल की ‘उल्टी’ पाने वाले मछुआरे के करोड़पति बनने की उम्मीद अब भी बरकरार है।
Created On :   4 Oct 2018 6:19 PM IST