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आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकिट बुक करना अब हो रहा मुश्किल

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आईआरसीटीसी की वेबसाइट इन दिनों लोगों के लिए और सिरदर्द बन गई है। सुरक्षा बढ़ाने की दृष्टि से रेलवे ने कुछ माह आईआरसीटीसी की वेबसाइट को नई साज-सज्जा के साथ पेश तो किया है लेकिन इसके बाद से ऑनलाइन टिकट बुक करना और मुश्किल हो गया है। आॅनलाइन बुकिंग करने वालों को शायद रेलवे कतार में लगने की अनुभूति कराना चाहता है। एक टिकट बुक करने में घंटों लग जाते हैं और बुकिंग हो भी पाएगी, यह कहना मुश्किल है।
आसान नहीं है टिकट बुक करना
सबसे पहले तो इसे खोलना ही मुश्किल होता है। ब्राड बैंड कनेक्शन पर भी इसे खोलने में कुछ मिनट लग जाते हैं। यदि पहला पेज खुल भी जाए तो कहां से कहां जाना है, लिखते ही दूसरा पेज ऊपर आ जाता है, लाग-इन करिए। अब यदि कोई यात्री पंजीकृत नहीं है तो वो लाग-इन कैसे करे या फिर टिकट बुक करना छोड़ कर पहले अपने आप को पंजीकृत कराए, फिर बुकिंग करे। इस पेज को हटाते-हटाते अचानक से यह गायब हो जाता है। यात्री को लगता है, जान छूटी। दूसरे पेज पर जहां से जहां तक जाना है, की ट्रेन की जानकारी आ जाती है। आरक्षित सीट है या नहीं, यह जानकारी मिल जाती है। इसे सिलेक्ट करते ही अगले पेज पर यात्री की जानकारी मांगी जाती है। इस बीच फिर से एक पेज पाप-अप होता है लाग-इन करिए। कई बार तो सही यूजर आईडी और पासवर्ड डालने पर भी लाग-इन नहीं होता और अचानक से यह पेज गायब हो जाता है।
‘वेट’ करते रहें
यात्री की पूरी जानकारी भरने के बाद और आगे बढ़ने के लिए जैसे ही प्रोसीड का बटन दबाते हैं। एक चक्र घूमने लगता है और प्लीज वेट का संदेश लिखा देखता है। इसके बाद विवरण को जांच कर भुगतान के लिए विकल्प आते हैं। यहां स्थिति यह है कि यदि डेबिट कार्ड से भुगतान करना हो तो सीधा विकल्प है ही नहीं। एक विकल्प है पेमेंट बाई डेबिट कार्ड विथ पिन। इसे खोलने के बाद पता चलता है कि यहां कुछ विशेष बैंक के ही कार्ड से भुगतान की सुविधा है। वापस जाने के लिए बटन दबाइए, तो इरर आ जाती है या टाइम आऊट हो जाता है। मतलब फिर से पूरी मशक्कत। पूर्व में ऐसा नहीं था। डेबिट/क्रेडिट कार्ड का विकल्प चुनने पर किसी भी बैंक के डेबिट या क्रेडिट कार्ड से आसानी से भुगतान हो जाता था। अब नहीं होता।
तत्काल बुकिंग में ढेरों परेशानियां
तत्काल बुकिंग के लिए भी आॅनलाइन सुविधा दी है। यहां भी शुरुआती परेशानी वही हैं। इसके अलावा बुकिंग शुरू करते समय यदि टिकट उपलब्ध है, तो भुगतान होते होते वेटिंग की टिकट हाथ में आती है। जबकि पूर्व में यदि किसी ने टिकट खरीदने के लिए क्लिक किया तो वह टिकट कुछ देर के लिए ब्लाक होती थी। बुकिंग छोड़ने पर वह टिकट किसी और के लिए ब्लाक हो सकती थी।
अब तो दलालों का ही सहारा
मित जैन नामक एक भुक्तभोगी ने बताया-मुझे मंगलवार को मुंबई जाना था। शयनयान में तत्काल टिकट की बुकिंग के लिए मैंने आईआरसीटीसी की साइट खोल जैसे ही 11 बजे बुकिंग के लिए क्लिक किया, विदर्भ एक्सप्रेस में 50 सीट की उपलब्धता दिखी। बुकिंग के लिए क्लिक किया, तो चक्र ने घूमना चालू किया और प्लीज वेट का संदेश दिखा। इसके बाद की प्रक्रिया के साथ माथापच्ची करता रहा। काफी मशक्कत के बाद भुगतान पूर्ण हुआ, तो यह देख आश्चर्य हुआ कि जो एसएमएस आया, उसमें मेरी बुकिंग 44 वेटिंग पर हुई। अब यदि मैंने बुकिंग पकड़ी थी तो मेरे भुगतान होने तक टिकट ब्लाक होना चाहिए पर ऐसा नहीं हुआ। पुरानी वेबसाइट में ऐसा होता था। मैंने सिर पकड़ लिया, क्योंकि अब तो दलालों का ही सहारा है।
Created On :   22 Nov 2018 12:28 PM IST