भाजपाई नेताओं को लाभ पहुंचाने बना था मास्टर प्लान , अब रिवाइज्ड होगा

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भाजपाई नेताओं को लाभ पहुंचाने बना था मास्टर प्लान , अब रिवाइज्ड होगा

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। सरकार बदलते ही अधिकारी भी हरकत में आ गए हैं। मुख्यमंत्री का गृह जिला होने से अफसर भी सकते में है कि कहीं कोई गलती हम पर ही न भारी पड़ जाए। आरोप है कि पुराना मास्टर प्लान भाजपाई नेताओं को लाभ पहुंचाने के लिए बनाया गया था जिसे अब शहर की वास्तविक जरूरत के हिसाब से संशोधित किया जा रहा है । ताजा उदाहरण नए मास्टर प्लान का है । सालों से जिस प्रक्रिया को अधिकारी पूरा कर पाने में नाकाम साबित हुए है। उसे अब एक महीने के अंदर पूरा करने की बात कही जा रही है। अब नया मास्टर प्लान रिवाइज्ड होकर भोपाल पहुंचाया जाएगा। एक महीने के अंदर पूरी प्रक्रियाओं को पूरा करके टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों को भोपाल पहुंचानी पड़ेगी। नए मास्टर प्लान को बढ़ी हुई जनसंख्या के मुताबिक तैयार करना पड़ेगा। पहले  मार्च 2019 तक सभी जानकारियों को अपडेट करने की समय सीमा निर्धारित की गई है। जिसमें नगरनिगम के अलावा पीचई, पीडब्ल्यूडी, बीएसएनल, शिक्षा विभाग, महिला बाल विकास विभाग सहित अन्य कुल 24 विभागों की जानकारी का डाटा उपलब्ध कराया जाना था, लेकिन अब अफसरों को एक महीने के भीतर तमाम प्रक्रियाएं पूरी करने की हिदायत दी गई है।

डिजीटल होगा मास्टर प्लान
शहर में कितने स्कूल कॉलेज है, किस रोड से कितनी पाइप-लाइन कहां जुड़ रही है, ग्रीन लैंड, यलो लैंड, सीवरेज की लाइन, आंगनबाड़ी केन्द्र यानी वह तमाम जानकारी जो शासकीय योजनाओं से जुड़ी है उसे अपडेट कर डिजीटल मैप में तब्दील किया जा रहा है। इसके पहले चरण में सबसे पहले वर्ष 2031 के आधार पर बनने वाले मास्टर प्लान को शामिल किया गया है।

प्लान को लेकर दर्जनों आपत्तियां
मास्टर प्लान को लेकर अधिकारियों के पास दर्जनों आपत्तियां भी आई थी। जिसमें जिक्र था कि कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ये मास्टर प्लान तैयार किया गया है। जिसमें कई अहम् स्थानों के नाम नहीं जोड़े गए है। सरकार बदलने के बाद कांग्रेस के पदाधिकारी भी कह रहे है कि पुराना मास्टर प्लान भाजपा के चंद नेताओं के हिसाब से तैयार किया गया था। जिससे उनकी जमीनों के दाम दोगुनी हो जाते।


ऐसे तैयार करना होगा नया मास्टर प्लान
शिक्षा- इस विभाग के लेयर में डिजीटल मैप से देखा जा सकेगा कि कितने प्राथमिक-माध्यमिक शाला है और कहां पर है। इसी प्रकार उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत कॉलेजों की स्थिति भी देखी जा सकती है।
पीएचई:  इसके अंतर्गत कहां पर कितने हैंडपंप और नल-जल योजना है और कहां पाइप-लाइन बिछी है। बीएसएनएल:  नेटवर्किंग की लाइन किस क्षेत्र में कहां से बिछाई गई है। महिला बाल विकास विभाग: इस विभाग में कितनी आंगनबाड़ी केन्द्र है और इनकी कितनी पक्की है और कहां भवन नहीं है देखा जा सकेगा।

इनका कहना है
मास्टर प्लान को लेकर नए सिरे से कार्य किया जा रहा है। एक महीने के अंदर हम तमाम प्रक्रियाओं को पूरा करके रिवाइज्ड मास्टर प्लान भोपाल पहुंचा देंगे। - केजैन उपसंचालक टीएनसीपी

 

Created On :   29 Dec 2018 1:45 PM IST

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