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दहेज के लिए महिलाओं को प्रताडित करने की प्रवृत्ति को रोकने कोठरता जरूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। गहनों व पैसों के लिए महिलाओं को प्रताड़ित करने वाली सोच व प्रवृत्ति से कठोरता से निपटने की जरुरत है। क्योंकि कई कानून लागू किए जाने के बावजूद भारत में दहेज अभी भी महिलाओं के खिलाफ शारीरिक व घरेलू हिंसा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह बात कहते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने पेशे से शिक्षक लड़की को गहने व पैसों को लेकर प्रताड़ित करने के आरोपी पति को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।
आरोपी अमनदीप सिंह व शिकायतकर्ता वैवाहिक वेबसाईट ‘शादी डॉट कॉम’ के जरिए एक दूसरे के संपर्क में आए और दोनों ने विवाह कर लिया था। विवाह के कुछ साल बाद दोनों में झगड़े होने लगे। शिकायतकर्ता के मुताबिक उसका पति उसे गहनों को लेकर प्रताड़ित करता था। शिकायतकर्ता के अनुसार उसका पति उसके क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करता था। फिर बिल भरने के नाम पर झगड़ा करता था। पति की बर्बरता व प्रताड़ना से तंग आकर शिकायतकर्ता ने फरवरी 2021में चारकोप पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया। मामले में गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए आरोपी सिंह ने कोर्ट में अग्रिम जमानत आवेदन दायर किया था।
न्यायमूर्ति भारती डागरे के सामने सिंह के जमानत आवेदन पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद न्यायमूर्ति ने पाया कि आरोपी अपनी हरकतों से शिकायतकर्ता को काफी समय से शारिरिक व भावनात्मक चोट पहुंचा रहा है। शिकायतकर्ता को बचने के लिए दो बार पुलिस की मदद लेनी पड़ी है। न्यायमूर्ति ने कहा कि इस मामले में आरोपी की हरकते भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत आती हैं। हालांकि आरोपी ने खुद पर लगे आरोपों का खंडन किया था। किंतु न्यायमूर्ति ने कहा कि कई कानूनों को लागू किए जाने के बावजूद दहेज भारत में अभी भी महिलाओं के प्रति हिंसा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। ऐसे में गहनों व पैसों के लिए महिलाओं को प्रताड़ित करने वाली सोच व प्रवृत्ति से कठोरता से निपटने की जरुरत है। न्यायमूर्ति ने कहा कि इस मामले में आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की जरूरत नजर आ रही है। इसलिए आरोपी के जमानत आवेदन को खारिज किया जाता है।
Created On :   12 March 2022 6:46 PM IST