- Home
- /
- आसान नहीं है प्लाज्मा रक्तदान के...
आसान नहीं है प्लाज्मा रक्तदान के लिए ठीक हुए कोरोना मरीजों को मनाना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने प्रायोगिक आधार पर मुंबई में कोरोना मरीजों का उपचार प्लाज्मा थेरेपी से करने की अनुमति दे दी है। पर विशेषज्ञ डाक्टरों-अधिकारियों का मानना है कि प्लाज्मा रक्तदान के लिए मनाना बड़ी चुनौती है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि खून से प्लाज्मा निकालना, इसकी जांच करना और फिर मरीज में इसे चढ़ाना एक जटिल प्रक्रिया है और यह उतना आसान नहीं है, जितना सुनने में लगता है।महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ महामारी विशेषज्ञ ने कहा-इस थेरेपी में संक्रमण से ठीक हुए मरीजों के रक्त से प्लाज्मा निकालना पड़़ता है। ऐसे लोगों में एंटीबॉडीज की अच्छी मात्रा होने की संभावना रहती है। प्लाज्मा लेकर उसे संक्रमित मरीज में इसे चढ़ाना होता है। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा की खुराक के साथ ही जारी दवाओं के कारण मरीज में प्रतिरोधकता बनने लगती है और वह संक्रमण से तेजी से ठीक हो जाता है।
मुंबई महानगरपालिका के एक अधिकारी नेबताया कि मंगलवार तक केवल कुछ ही लोग थेरेपी के वास्ते रक्तदान करने के लिए आगेआए, जबकि संक्रमण से ठीक होने के बाद शहर में करीब 500 लोगों को छुट्टी मिल चुकी है। उन्होंनेकहा, कि हमें उनको समझाना होगा कि संक्रमित लोगों की मदद के लिए वे आगे आएं। ठीक होने पर छुट्टी मिलने के बाद से लोगों को 14 दिन के लिए घर पर कोरेंटाईन में रहना होता है। इसलिए उनके रक्त का नमूना लेने में परेशानी है।
क्या है प्लाज्मा थेरेपी
दिल्ली के एक निजी अस्पताल में प्लाज्मा थेरेपी से एक कोरोना मरीज के सफल इलाज के बाद इस थेरीपी पर विश्वास बढ़ा है। देश में पहली बार इस थेरेपी से 49 वर्षीय गंभीर रूप से संक्रमित व्यक्ति का सफल इलाज किया गया है। इस थेरेपी से 4 दिन में ही मरीज के ठीक होने से चिकित्सक बेहद उत्साहित हैं। दरअसल प्लाज्मा कोरोना से ठीक हुए व्यक्ति के रक्त से निकालना पड़ेता है। यानी कोरोना से स्वस्थ्य हुए डोनर के बगैर यह और कहीं से नहीं मिल सकता। एक डोनर के प्लाज्मा से दो लोगों का इलाज हो सकता है।
Created On :   23 April 2020 7:56 PM IST