अस्पताल के स्टॉक में मौजूद दवा के लिए एफडीए का लाइसेंस होना अनिवार्य नहीं 

It is not mandatory to have FDA license for medicine in hospital stock.
अस्पताल के स्टॉक में मौजूद दवा के लिए एफडीए का लाइसेंस होना अनिवार्य नहीं 
अस्पताल के स्टॉक में मौजूद दवा के लिए एफडीए का लाइसेंस होना अनिवार्य नहीं 

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने फैसले में स्पष्ट किया है कि अपने अस्पताल के स्टॉक में मौजूद दवा के लिए चिकित्सक के पास एफडीए से लाइसेंस होना अनिवार्य नहीं है। ऐसे चिकिस्तक को ड्रग्स एवं कॉस्टमेटिक अधिनियम के तहत अनिवार्य लाइसेंस न रखने का दोषी नहीं माना जा सकता। इस निरीक्षण के साथ हाईकोर्ट ने चंद्रपुर निवासी डॉ. रितेश दीक्षित पर एफडीए द्वारा दर्ज कराया गया, आपराधिक मामला खारिज कर दिया है।

यह है पूरा मामला 
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में अन्न व औषधि प्रशासन विभाग ने कार्रवाई करते हुए चिकित्सक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराया था। आरोप था कि याचिकाकर्ता अपने आईसीयू में भर्ती मरीजों को स्वयं ही दवा उपलब्ध करा रहे हैं, जबकि दवाओं का स्टॉक रखने के लिए उनके पास एफडीए का लाइसेंस नहीं था। ऐसे में चिकित्सक को ड्रग्स एवं कॉस्टमेटिक अधिनियम के धारा 18 और 18-बी के तहत दोषी करार दिया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता ने सर्वप्रथम एफआईआर खारिज करने के लिए चंद्रपुर जेएमएफसी कोर्ट में अर्जी दायर की थी। जेएमएफसी कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। अंतत: याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट की शरण ली थी। याचिकाकर्ता की ओर से एड.मोहित खजांची ने पक्ष रखा। 
 

Created On :   19 July 2021 3:17 PM IST

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