मंत्रिमंडल की सिफारिश पर फैसला लेना राज्यपाल की जिम्मेदारी

It is the responsibility of the governor to take a decision on the recommendation of the cabinet.
मंत्रिमंडल की सिफारिश पर फैसला लेना राज्यपाल की जिम्मेदारी
कोर्ट ने कहाः मंत्रिमंडल की सिफारिश पर फैसला लेना राज्यपाल की जिम्मेदारी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्यपाल संवैधानिक रुप से तर्कसंगत समय के भीतर मुख्यमंत्री की ओर से मंत्रिमंडल की सिफारिश के साथ विधानपरिषद की 12 सीटों पर मनोनीत करने के संबंध में भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार अथवा अस्वीकार करने के लिए बाध्य हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसे प्रस्ताव को अंतहीन समय तक के लिए लंबित  रखना अपेक्षित नहीं है। तर्कसंगत समय सीमा के भीतर इस बारे में फैसला लिया जाना चाहिए। हालांकि अदालत ने यह भी कहा कि संवैधानिक पद होने के नाते हम राज्यपाल को आदेश नहीं दे सकते।  

मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि राज्यपाल का यह दायित्व है कि वे इस बारे में मुख्यमंत्री की ओर से भेजे गए प्रस्ताव पर उचित समय पर अपनी राय व्यक्त करें। ताकि मुख्यमंत्री प्रस्ताव पर राज्यपाल का मत जान सके। खंडपीठ ने कहा कि संवैधानिक रुप से राज्यपाल की कोर्ट के प्रति कोई जवाबदेह नहीं है। कोर्ट उन्हें सीधे आदेश नहीं दे सकता। इस लिए राज्यपाल सचिवालय से अपेक्षा है कि वह इस मामले  में उचित कदम उठाएगा। 

खंडपीठ ने यह फैसला इस विषय पर नाशिक निवासी रतन सोली की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद सुनाया है। याचिका में मांग की गई थी कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की ओर से मंत्रिमंडल की सिफारिश के साथ नवंबर 2020 को विधानपरिषद की 12 सीटों पर मनोनय करने के संबंध में भेजे गए प्रस्ताव पर निर्णय लेने का निर्देश दिया जाए। राज्य सरकार की अपेक्षा थी कि राज्यपाल 15 दिन के भीतर इस प्रस्ताव पर निर्णय लेंगे। लेकिन इस मामले में आठ महीने से ज्यादा वक्त बीत गया है।

खंडपीठ ने कहा कि हमारे मतानुसार इस मामले में जो समय बीता है उसे निर्णय लेने के लिए तर्कसंगत समय कहा जा सकता है। इस मामले में यह महत्वपूर्ण है कि राज्यपाल को अपने दायित्व का निर्वहन अविलंब करना चाहिए। वैसे इसमें कोई दो राय नहीं है कि राज्यपाल अदालत के प्रति जवाबदेह नहीं है। किंतु हम आशा व विश्वास रखते हैं कि वे अपने संवैधानिक दायित्वों का निर्वहन करेंगे ।राज्यपाल के पास शिक्षा, कला, साहित्य, विज्ञान व समाज सेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देनेवाले 12 लोगों को विधानपरिषद में मनोनीत करने का अधिकार है। विधानपरिषद के 12 सीटों पर मनोनीत करने से जुड़े मामले में हो रही देरी के कारण राज्यापाल व महाविकास आघाड़ी सरकार के बीच तनातनी चल रही है। 
 

Created On :   13 Aug 2021 6:17 PM IST

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