नियुक्ति में लिया आरक्षण का लाभ, पदोन्नति में दोबारा नहीं मिल सकता : जबलपुर हाई कोर्ट

Jabalpur High Court statement on reservation in promotion
नियुक्ति में लिया आरक्षण का लाभ, पदोन्नति में दोबारा नहीं मिल सकता : जबलपुर हाई कोर्ट
नियुक्ति में लिया आरक्षण का लाभ, पदोन्नति में दोबारा नहीं मिल सकता : जबलपुर हाई कोर्ट

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा है कि नियुक्ति के समय यदि किसी ने आरक्षण का लाभ ले लिया है, तो वह पदोन्नति के समय दोबारा लाभ नहीं ले सकते। हाई कोर्ट चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की बेंच ने यह बात सागर में एडीशनल सिविल जज के पद पर पदस्थ पदमा जाटव की याचिका खारिज करते हुए कही।

इस याचिका में मप्र उच्च न्यायिक सेवा (जिला जज-प्रवेश स्तर) में सिविल जज सीनियर डिवीजन परीक्षा 2017 में आरक्षण का लाभ न दिए जाने को चुनौती दी गई थी। आवेदक का कहना था कि हाईकोर्ट के प्रिंसिपल रजिस्ट्रार (परीक्षा) ने 61 पदों को पदोन्नति से भरने 24 मार्च 2017 को ‌एक विज्ञापन जारी किया था। इसकी लिखित परीक्षा में याचिकाकर्ता भी शामिल हुईं, लेकिन एक अंक कम होने से वो इंटरव्यू से वंचित हो गई। आवेदक का दावा था कि यदि उसे आरक्षण का लाभ दिया जाता तो निश्चित रूप से उसे पदोन्नति मिलती। इस पर यह याचिका दायर करके चयन प्रक्रिया को कटघरे में रखा गया।

मामले पर हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता संजय द्विवेदी ने पक्ष रखा। सुनवाई के बाद बेंच ने अपने फैसले में कहा- ‘याचिकाकर्ता अनुसूचित जाति वर्ग से है और सिविल जज पर उनकी नियुक्ति अजा वर्ग के लिए आरक्षित सीट पर हुई थी। अब जब एक बार याचिकाकर्ता ने नियुक्ति के समय आरक्षण का लाभ ले लिया, तो ऐसे उम्मीदवार को दूसरी स्टेज पर आरक्षण का फिर से नहीं मिल सकता।’

याचिकाकर्ता की ओर से दी गईं दलीलों को नकारते हुई युगलपीठ ने कहा कि इन पदों को सीमित प्रतियोगी परीक्षा के जरिए भरा जाना है, तो कानून में दी गई पदोन्नति प्रक्रिया के मुताबिक है। इस मत के साथ युगलपीठ ने मामला हस्तक्षेप योग्य न पाते हुए याचिका खारिज कर दी।

Created On :   9 Dec 2017 12:32 AM IST

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