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जबलपुर: हाउसिंग लोन घोटाले में 3 बैंक मैनेजरों सहित 5 को सजा

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। ईओडब्ल्यू की स्पेशल कोर्ट ने फर्जी पे स्लिप के आधार पर 2 करोड़ 43 लाख रुपए के हाउसिंग लोन घोटाले में तीन बैंक मैनेजरों सहित 5 लोगों को सजा सुनाई है। प्रकरण की सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपी बिल्डर नत्थूलाल उर्फ नाथूलाल विश्वकर्मा की मौत हो गई। एडीजे अक्षय कुमार द्विवेदी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अधारताल ब्रांच के तत्कालीन मैनेजर विनोद गुप्ता को 10 साल की सजा और ढाई लाख रुपए अर्थदंड, तत्कालीन मुख्य प्रबंधक श्रीराम शंकर टोले को 6 साल की सजा और एक लाख रुपए अर्थदंड और तत्कालीन मुख्य प्रबंधक प्रदीप बालकृष्ण शर्मा को चार साल की सजा और 25 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया है।
इसके अलावा गंगा मैया निवासी भूपेन्द्र बहादुर सिंह को 5 साल की सजा और 58 हजार रुपए अर्थदंड और जीआईएफ के तत्कालीन सुपरवाइजर फतेह बहादुर को 5 साल की सजा और 30 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई है।
ईओडब्ल्यू के अनुसार नवंबर 2002 से जून 2003 के बीच ओम साईं भवानी कंस्ट्रक्शन के मालिक और बिल्डर नत्थूलाल उर्फ नाथूलाल विश्वकर्मा ने रिछाई में तीन एकड़ जमीन पर िबना नक्शा स्वीकृत कराए मकानों का निर्माण किया। मकानों को बेचने के लिए बिल्डर ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अधारताल ब्रांच में व्हीकल फैक्ट्ररी, जीआईएफ, जीसीएफ और मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के 80 कर्मचारियों की फर्जी पे स्लिप के आधार पर लोन के आवेदन पेश किए।
एसबीआई अधारताल के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक श्रीराम शंकर राव टोले, प्रबंधक विनोद गुप्ता, मुख्य प्रबंधक प्रदीप बालकृष्ण शर्मा और अन्य के साथ िमलकर 2 करोड़ 43 लाख 85 हजार रुपए का लोन स्वीकृत करा लिया। लोन के प्रावधानों के अनुसार कर्मचारियों के खाते से एक करोड़ 55 लाख 50 हजार रुपए बिल्डर नाथूराम विश्वकर्मा के खाते में स्थानांतरित कर दी गई। फर्जी पे स्लिप के आधार पर लिए गए लोन की किश्त, उन कर्मचारियों के वेतन के बराबर तय की गई। इसकी वजह से लोन की अदायगी नहीं हो पाई। ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद मामले में दस आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था।
सुनवाई के दौरान मुख्य आरोपी नत्थूलाल की मौत हो गई। विचारण के उपरांत न्यायालय ने तीन बैंक मैनेजरों सहित पांच लोगों को सजा सुनाई। न्यायालय ने दशरथ पाटिल, रूपलाल चक्रवर्ती, मनोहर सूर्यवंशी और तापस चंद्र बंगाली को दोषमुक्त कर दिया। ईओडब्ल्यू की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी शेख वसीम, एडीपीओ सारिका यादव और अनिल चौहान ने पैरवी की।
Created On :   29 April 2018 10:56 PM IST