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जेल अधीक्षक कुमरे की बढ़ीं मुश्किलें, गिरी गाज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अपनी विवादित कार्यप्रणाली के कारण लगातार हाईकोर्ट के निशाने पर चल रहे नागपुर मध्यवर्ती कारागृह अधीक्षक अनूप कुमरे की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कारागृह के प्रबंधन के लिए दी गई शक्तियों के दुरुपयोग, हाईकोर्ट की अवमानना और शपथपत्र में झूठी जानकारी के आरोप में नागपुर खंडपीठ ने कुमरे के खिलाफ 3 बड़े आदेश जारी किए। न्या.वी.एम.देशपांडे और न्या.अमित बोरकर की खंडपीठ ने अतिरिक्त मुख्य सचिव (कारागृह) को कुमरे के खिलाफ विभागीय जांच करके 4 माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं, वहीं अदालत की अवमानना के लिए कुमरे को अवमानना नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा गया है। इतना ही नहीं, नागपुर मध्यवर्ती कारागृह में कैदियों की पैरोल संबंधी मामलों में गड़बड़ी होती देख हाईकोर्ट ने नागपुर पुलिस आयुक्त को आदेश दिए हैं कि वे उपायुक्त स्तर के पुलिस अधिकारी से मामले की जांच करवा कर कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। मामले में एड. फिरदौस मिर्जा ने न्यायालय को सहकार्य किया।
यह है मामला
दरअसल कोरोनाकाल में जेल में बंद कैदियों के लिए राज्य सरकार ने आपातकालीन पैरोल का नियम लाया था। हनुमंत पेंदाम नामक एक कैदी ने पैरोल खत्म होने के बाद कारागृह पहुंच कर समर्पण का प्रयास किया, लेकिन उसके पास कोरोना निगेटिव प्रमाणपत्र नहीं होने का कहकर उसे लौटा दिया गया। इसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद कैदी को इसलिए आपातकालीन पैरोल नकारी गई कि उसने पिछली बार स्वयं समर्पण नहीं किया। कारागृह के इस अजीबो-गरीब कार्यप्रणाली के खिलाफ कैदी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। अदालत को पता चला कि यह एक नहीं, ऐसे अनेक मामले हैं, जिसमें कुमरे अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
यह पहला मामला नहीं
हाईकोर्ट ने यह आदेश केवल पैरोल के मामले में नहीं, बल्कि कुमरे का खराब ट्रैक रिकाॅर्ड देखते हुए जारी किया है। दरअसल बीते कुछ समय में कुमरे कई बार अदालत में झूठ बोलने और आदेश नहीं मानने के लिए दोषी पाए गए हैं। सर्वप्रथम 25 नवंबर 2020 को हाईकोर्ट ने कुमरे को चेताया था कि वे कोर्ट में प्रस्तुत शपथपत्र में झूठी जानकारी देकर अदालत को गुमराह करने का प्रयास न करें। एक दूसरे मामले में हाईकोर्ट द्वारा जमानत के स्पष्ट आदेश के बावजूद कुमरे ने एक कैदी को जेल से रिहा नहीं किया था। इस पर हाईकोर्ट ने अवमानना का मामला चलाया तो कुमरे ने कोर्ट से माफी मांग ली थी। तब हाईकोर्ट ने कुमरे की सर्विस बुक में इसका उल्लेख करने की सजा देकर उन्हें छोड़ दिया था। अब कुमरे के खिलाफ तीसरी बार शिकायत मिली, इस पर कोर्ट ने कोई कोताही नहीं बरती।
Created On :   9 Oct 2021 3:29 PM IST