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दुनिया कितनी ही डिजिटल हो जाए, हैंडराइटिंग के बिना अपाहिज है : जयश्री

डिजिटल डेस्क, नागपुर । देश ही नहीं विदेश में भी हैडराइटिंग अवेयरनेस का बीड़ा उठाते हुए जयश्री छाबरानी जुटी हुईं हैं। जयश्री का कहना है कि टेक्नाेलॉजी के साथ चलना ठीक है, पर अपनी बेसिक चीजों को भुलाना बहुत गलत बात है। दुनिया के हर कोने में हम यही संदेश पहुंचाना चाहते हैं कि हमें आने वाली पीढ़ी के लिए हैंडराइटिंग स्किल्स को सुरक्षित रखना है। यह एक सामाजिक आंदोलन है। जब मैं स्कूल में जाती थी और वहां के प्रिसिंपल्स और टीचर्स के मुंह से सुना कि एकेडमिक प्रेशर होने के कारण बच्चों की हैंडराइटिंग पर ध्यान नहीं दे पाते। वैसे भी तो अब डिजिटल का जमाना है। अब तो सब चीजें कम्प्यूटर पर होने लगी है तो यह बात सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ। उनके द्वारा हैडराइटिंग अवेयरनेस के कई प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। जिसमें न केवल भारत देश से, बल्कि विदेश में रहने वाले भारतीय परिवार के बच्चों की भी हैंडराइटिंग पर काम किया है। हैंडराइटिंग का महत्व न केवल बच्चों के लिए है, बल्कि हर उम्र के व्यक्तियों को अपनी हैडराइटिंग पर ध्यान देना चाहिए। चाहे किसी भी भाषा में लिखा हो, पर लिखना जरूरी है।
चाहे उम्र कोई भी हो, पर लिखना जरूरी
दुनिया कितनी भी डिजिटल हो जाए पर हैंडराइटिंग के बिना अपाहिज है। मैं लगभग 15 साल से किताबें लिख रही हूं। मेरा यही प्रयास है कि सभी को लिखना चाहिए। जिस तरह हमारी प्राचीन धरोहरें, संस्कृति विलुप्त होती जा रही हैं, उसी तरह हैंडराइटिंग भी कहीं विलुप्त न हो जाए यह मेरा प्रयास है।
कई चैलेंजेस को किया पूरा
मेरी फ्रेंड भारती पारदासानी अमेरिका में रहती है। वह अपने बच्चे की हैंडराइटिंग को लेकर बहुत परेशान थी। फिर उसने मुझसे कॉन्टेक्ट किया और जब भी वह शहर आती हैं तो बच्चे को मेरे पास भेजती है। अब उसके बच्चे की हैंडराइटिंग बहुत अच्छी हो गई है और उसे लिखने की आदत भी हो गई। इसी तरह लंदन निवासी निशा खेमका ने मुझे बच्चे की हैंडराइटिंग के लिए चैलेंज किया था और आज जब वो बच्चे की हैंडराइटिंग देखती है तो यहीं कहती है कि यह तो चमत्कार हो गया। वैसे भी विदेश में पढ़ाई का स्तर पूरा अलग है। यहां पर सभी चीजें डिजिटल हंै इसलिए बच्चों को लिखने में इंट्रेस्टेड नहीं रहता है, पर हैंडराइटिंग सुधरने के बाद अब कुछ न कुछ हमेशा लिखता रहता है।
इंटरनेशनल हैंडराइटिंग अवेयरनेस ड्राइव प्रोग्राम में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने वाली जयश्री पहली भारतीय महिला है, जो हैंडराइटिंग अवेयरनेस पर काम कर रही हैं। हैंडराइटिंग अवेयरनेस प्रोग्राम के लिए सोशल साइट्स पर लिखते हुए फोटो डालना होता है। इसके लिए किसी भी भाषा में क्यों न हो, बस, सभी को लिखते हुए अपना फोटो साेशल साइट के पेज पर अपलोड करना होता है। इससे पता चलता है कि लोगों में हैंडराइटिंग को लेकर कितनी जागरूकता है।
पर्सनालिटी पता चलती है हैंडराइटिंग से
हैंडराइटिंग से हमारी पर्सनालिटी का पता चलता है इसलिए हमेशा हैंडराइटिंग पर ध्यान देना चाहिए। सभी चीजें डिजिटल हो गई है पर आज भी एग्जाम में लिखना जरूरी है इसलिए हैडराइटिंग हमेशा अच्छी होनी चाहिए। अभी एग्जाम टाइम है कई बच्चों के मार्क्स हैंडराइटिंग के कारण भी कम हाेते है क्योंिक उन्हें लिखने की आदत नहीं होती है।
पैरेंट्स और टीचर्स को भी किया ट्रेंड : मैंने कई टीचर्स और पैरेंट्स को भी हैडराइटिंग की ट्रेनिंग दी है। मेरा सभी टीचर्स से यहीं कहना है कि एकेडमिक प्रेशर कितना भी हो पर बच्चों की हैडराइटिंग पर हमेशा ध्यान देना चाहिए। सबकुछ डिजिटल होने के बाद भी लिखने का महत्व आज भी उतना ही है जब बच्चा छोटा होता है पैरेंट्स स्लेट पेंसिल हाथ में पकड़कर लिखवाते हैं उसी बात को ध्यान में रखना है।

Created On :   21 Feb 2018 4:40 PM IST