पाकिस्तान की जेल से जल्द होगी जितेन्द्र की रिहाई, 4 मई को आ सकता है अपने वतन

Jitendra Arjunwar will be released soon from pakistan prison
पाकिस्तान की जेल से जल्द होगी जितेन्द्र की रिहाई, 4 मई को आ सकता है अपने वतन
पाकिस्तान की जेल से जल्द होगी जितेन्द्र की रिहाई, 4 मई को आ सकता है अपने वतन

डिजिटल डेस्क, सिवनी। सिवनी के एसपी तरुण नायक और तत्कालीन थाना प्रभारी बरघाट अमित विलास दाणी की मेहनत आखिरकार रंग लाने जा रही है। बरघाट से गलती से पाकिस्तान की सीमा में पहुंचे जितेन्द्र अर्जुनवार की रिहाई अब लगभग तय हो गई है। सिवनी पुलिस के द्वारा जुटाए गए सबूतों के आधार पर उसकी रिहाई और नागरिकता पर मोहर लग गई है। एसपी तरुण नायक का कहना है कि उन्हे अनौपचारिक रुप से जानकारी मिली है कि शीघ्र ही पाकिस्तान की कैद से बरघाट के जितेन्द्र अर्जुनवार की रिहाई हो सकती है।

भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पकड़े गए मध्य प्रदेश के सिवनी निवासी जितेंद्र अर्जुनवार (22) की नागरिकता पर विदेश मंत्रालय ने मुहर लगा दी है। नागरिकता पर मुहर के बाद पांच साल से पाकिस्तान की जेल में बंद जितेंद्र के जल्द स्वदेश लौटने की उम्मीद जताई जा रही है। अगस्त 2013 में भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर जितेंद्र को पाक रेंजरों ने पकड़ा था। घर से भागकर जितेंद्र महीनों तक भटकने के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर पहुंच गया था।

सिवनी के एसपी तरुण नायक ने बताया कि पाकिस्तान की जेल में बंद सिवनी जिले के बरघाट के रहने वाले युवक जितेंद्र अर्जुनवार के भारतीय नागरिकता संबंधी दस्तावेज कुछ महीने पहले विदेश मंत्रालय को भेजे गए थे। इनमें कुछ कमियां देखते हुए मंत्रालय ने फिर से जरूरी दस्तावेज मांगे थे। प्राप्त निर्देशों के तहत बीते बुधवार को गृह और विदेश मंत्रालय को दस्तावेज भेज दिए गए हैं। एसपी नायक ने बताया कि पाकिस्तानी जेल में बंद जितेंद्र की रिहाई के लिए विदेश मंत्रालय और भारत सरकार प्रयासरत है। वे स्वयं भी विदेश मंत्रालय के अधिकारियों से संपर्क बनाए हुए हैं।

नागरिकता की पुष्टि होने के बाद बरघाट में जन्मे, पले-बढ़े जितेंद्र की पाकिस्तान जेल से जल्द रिहाई हो सकती है। बरघाट में मैकेनिक का काम करने वाले जितेंद्र के भाई भरत ने बताया कि उसे और उसके परिवार वालों को बरघाट पुलिस थाने पर दस्तावेजों की पुष्टि के लिए बुलाया गया था। परिवार वालों ने पहले ही जितेंद्र के नाम के सबूत के तौर पर वोटर और राशन कार्ड जमा करवा दिए हैं।

बता दें कि 12 अगस्त 2013 को भारत-पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा के खोखलापार में जितेंद्र को पाक रेंजर्स ने पकड़ा था। घर से भागकर जितेंद्र भारत में महीनों भटकने के बाद भारत-पाकिस्तान सीमा पर पहुंच गया था। जितेंद्र एनीमिया की बीमारी से पीड़ित है। पाकिस्तान की जेल में जितेंद्र का इलाज किया जा रहा है। वह कराची जिले के मलिर सर्किल जेल में बंद है। जितेंद्र ठीक से चल नहीं पा रहा है और उसे बैसाखी का सहारा लेना पड़ता है।

पाकिस्तान इंडिया पीपुल्स फोरम फॉर पीस एंड डेमोक्रेसी (पीआईपीएफपीडी) के महासचिव जतिन देसाई के अनुसार, पंजाब स्थित वाघा बॉर्डर पर पाकिस्तानी रेंजर्स जीतेंद्र को सीमा सुरक्षा बल के हवाले करेंगे। जहां से उसे अमृतसर स्थित रेड क्रास के केंद्र पर लाया जाएगा। प्राथमिक उपचार एवं जांच के बाद उसे परिवार को सौंपा जाएगा।

एसपी सिवनी तरुण नायक ने बताया है कि अभी अनौपचारिक रूप से सूचना प्राप्त हुई है। पाकिस्तान की तरफ से औपचारिक रूप से तारीख तय करके विदेश मंत्रालय को सूचित किया जाएगा। सब कुछ ठीक रहा तो जल्दी ही जितेंद्र वापस आ जायेगा। हम विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं।

Created On :   1 May 2018 1:35 PM IST

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