मुकदमों की जल्द सुनवाई न होने पर न्यायपालिका भी आरोपी के प्रति जवाबदेहः हाईकोर्ट

Judiciary is also accountable to the accused if cases are not heard soon: High Court
मुकदमों की जल्द सुनवाई न होने पर न्यायपालिका भी आरोपी के प्रति जवाबदेहः हाईकोर्ट
नाराजगी  मुकदमों की जल्द सुनवाई न होने पर न्यायपालिका भी आरोपी के प्रति जवाबदेहः हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क,  मुंबई। जब आरोपी अपने मामले की निष्पक्ष व त्वरित सुनवाई से वंचित होता है तब न्यायपालिका भी आरोपी के प्रति जवाबदेह होती है। बांबे हाईकोर्ट ने एक साल से अधिक का वक्त बीत जाने के बावजूद ड्रग्स मामले में एक आरोपी के मुकदमे की सुनवाई शुरु न होने पर अपने आदेश में उपरोक्त टिप्पणी की है। न्यायमूर्ति भारती डागरे ने मुकदमे की धीमी रफ्तार को लेकर एनडीपीएस मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत के प्रति अप्रसन्नता व्यक्त की है।  हाईकोर्ट के निर्देश के तहत एनडीपीएस कोर्ट को 6 माह में मुकदमे की सुनवाई की शुरुआत करनी थी लेकिन इस कोर्ट ने एक साल बीत जाने के बाद भी कुछ नहीं किया। न्यायमूर्ति ने कहा कि यह बेहद खेदजनक स्थिति को दर्शाता है।

 न्यायमूर्ति ने कहा कि मुकदमे की त्वरित सुनवाई को संविधान के अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) का अभिन्न हिस्सा माना गया है। ऐसे में न्यायपालिका की व्यवस्था तब आरोपी के प्रति जवाबदेह होती है जब जेल में बंद आरोपी के मामले की सुनवाई लंबे समय तक नहीं होती है। जबकि आरोपी इस व्यवस्था से सिर्फ निष्पक्ष व शीघ्रता से सुनवाई की अपेक्षा करता है। यह एक न्यूनतम अपेक्षा है। न्यायमूर्ति ने यह बात ड्रग्स मामले से जुड़े आरोपी अब्दुल नासिर शेख के जमानत आवेदन पर सुनवाई के बाद दिए गए आदेश में कही है। शेख को इस मामले में 4 फरवरी 2018 को गिरफ्तार किया गया था। तब से वह जेल में है। इस बीच शेख ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था किंतु हाईकोर्ट ने जमानत न देकर शेख के मामले की सुनवाई विशेष अदालत को शीघ्रता से करने का निर्देश दिया था। इसलिए शेख ने अपने जमानत आवेदन को वापस ले लिया था। 

हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद नहीं शुरु हुई सुनवाई 
अप्रैल 2021 में हाईकोर्ट ने शेख के मामले की सुनवाई 6 माह में शुरु करने का निर्देश दिया था। किंतु सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति डागरे ने पाया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बावजूद मुकदमे की सुनवाई को लेकर कुछ नहीं हुआ है। न्यायमूर्ति ने कहा कि यह बेहद अफसोसजनक स्थिति को दर्शाता है। क्योंकि इस मामले का आरोपी गिरफ्तारी के बाद से ही जेल में है और हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद एक साल के बाद भी मुकदमे की सुनवाई शुरु नहीं हुई है। अब न्यायमूर्ति ने एनडीपीएस कोर्ट में प्रलंबित मामलों को लेकर रिपोर्ट मंगाई है। रिपोर्ट में साफ करने को कहा है कि ऐसे कितने मामले हैं जिनकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट ने शीघ्रता से पूरा करने को कहा है। न्यायमूर्ति ने अब इस मामले की अगली सुनवाई 19 सितंबर 2022 को रखी है।

Created On :   10 Sept 2022 7:44 PM IST

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