1 अक्टूबर से शुरू होगी जंगल सफारी, बच्चे और बुजुर्गों को नहीं परमिशन

Jungle safari will start from October 1, no permission for children and elderly
1 अक्टूबर से शुरू होगी जंगल सफारी, बच्चे और बुजुर्गों को नहीं परमिशन
1 अक्टूबर से शुरू होगी जंगल सफारी, बच्चे और बुजुर्गों को नहीं परमिशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अब बच्चे व बुजुर्ग जंगल सफारी नहीं कर पाएंगे। 1 अक्टूबर से नए नियमों के साथ खुलने वाली विदर्भ की जंगल सफारियों में एक नियम लागू किया है। जिसमें 10 साल से कम व 65 साल से ज्यादा उम्र के सैलानी जंगल की सैर नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा कोविड को देखते हुए कई नए बदलाव भी किए गए हैं, जिसमें इस बार जंगल क्षेत्र में रहने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 

मार्च माह से कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए जंगल सफारियों को बंद किया गया था। जिसके बाद जुलाई माह में कुछ जंगल सफारियों को 15 से 20 दिन के लिए खोला गया था, लेकिन उसके बाद अब तक सभी जंगल सफारियों को बंद रखा गया। अनलॉक-4 में अब इसे शुरू करने का निर्णय वन विभाग ने लिया है। विदर्भ की जंगल सफारियों में पेंच ‌‌बाघ प्रकल्प, बोर बाघ प्रकल्प, उमरेड-पवनी-करांडला अभयारण्य आदि को शुरू किया जाएगा। हालांकि इस बार सैलानियों को कई नियमांे का पालन करना होगा, जिससे कोरोना संक्रमण को रोका जा सके।

करना होगा इन नियमों का पालन
1 से 15 अक्टूबर तक ऑफलाइन सुविधा
16 से 31 अक्टूबर ऑनलाइन में 50 प्रतिशत आरक्षण
1 नवंबर से 30 जून तक नियमित ऑनलाइन सुविधा प्रारंभ होगी।
जिप्सी में क्षमता से 50 प्रतिशत सैलानियों को जगह दी जाएगी। 
सिल्लारी पर्यटन निवास स्थानों पर 30 प्रतिशत ही जगह मिलेगी। सुरेवानी व कोलितमारा में निवास उपलब्ध नहीं होंगे। 
बच्चे व बुर्जुग यात्रियों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा। 
बुखार आने पर क्वारेंटाइन सेंटर भेजा जाएगा। 
सभी को मास्क लगाना होगा, फेसशील्ड का उपयोग जिप्सी चालक व गाइड को करना होगा। 
बारिश या कोरोना का प्रकोप देखते हुए बीच में सफारियों को बंद किया जा सकता है। 
आरोग्य सेतु एप का उपयोग अनिवार्य रहेगा।

Created On :   16 Sep 2020 7:48 AM GMT

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