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MP : स्टायपेंड बढ़ाने की मांग कर रहे जूडा की हड़ताल जारी, 500 जूनियर डॉक्टरों का इस्तीफा

- सरकार ने लगाया एस्मा 3 महीनों तक सामूहिक अवकाश पर पाबंदी।
- मरीज हो रहे परेशान।
- स्टायपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर जूडा की हड़ताल जारी।
डिजिटल डेस्क,भोपाल। स्टायपेंड बढ़ाने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल अब मरीजों के लिए मुश्किल पैदा कर रही है। अब तक मांगें नही माने जाने से नाराज़ प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर्स सोमवार से बेमियादी हड़ताल पर चले गये और मंगलवार को इन्होंने सामूहिक इस्तीफा देने की घोषणा भी कर दी है। इसके अलावा पैरामेडिकल स्टाफ भी हड़ताल पर है, जिससे जांचें प्रभावित हो रही हैं। सातवें वेतनमान की मांग कर रहे टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, नर्स व अन्य कर्मचारियों ने भी एक दिन का सामूहिक अवकाश ले लिया। जिसके चलते मरीजों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इंदौर के एमवाय अस्पताल में हड़ताल के चलते अबतक साढ़े चार हजार से ज्यादा जांचें और 40 से ज्यादा ऑपरेशन टल गए। रीवा के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल और भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज के लगभग 500 जूनियर डॉक्टर्स ने इस्तीफा दे दिया है। जबलपुर में भी हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं चरमराती दिख रही हैं। इससे पहले ACS राधेश्याम जुलानिया ने जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन से कहा था कि हड़ताल खत्म करने पर ही बात होगी।
#MadhyaPradesh: At least 500 junior doctors of Rewa"s Sanjay Gandhi Memorial Hospital and Bhopal"s Gandhi Memorial Hospital have submitted their resignation over their demands for stipend and equipment.
— ANI (@ANI) July 24, 2018
अवकाश पर पाबंदी, सरकार ने लगाया एस्मा
मप्र मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन भी मंगलवार को सामूहिक अवकाश लेने वाला था लेकिन सरकार ने इसे अत्यावश्यक सेवा मानते हुए सोमवार दोपहर को ही एस्मा लगा दिया। जिसके चलते सरकारी कर्मचारी अब तीन माह तक सामूहिक अवकाश नही ले पायेंगे। मप्र मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन इंदौर के मीडिया प्रभारी डॉ. राहुल रोकड़े ने कहा कि हमारे प्रतिनिधिमंडल ने एसीएस से मुलाकात की है और बातचीत सकारात्मक रही, लेकिन सातवें वेतनमान के साथ कुछ शर्तें भी लगाई जा रही हैं, जिसमें प्राइवेट प्रैक्टिस पर पाबंदी भी शामिल है। हम अभी सामूहिक अवकाश पर नहीं जा रहे हैं। मप्र मेडिकल लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन ने भी चिकित्सा शिक्षा आयुक्त से आश्वासन मिलने के बाद हड़ताल समाप्त कर दी है। लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन की मुख्य मांग 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ देने और लैब टेक्नीशियन का ग्रेड पे बढ़ाना है।
निजी नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं के भरोसे अस्पताल
मप्र मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन, जूनियर डाक्टर, लैब टेक्नीशियन की हड़ताल के चलते मरीजों के साथ अस्पताल प्रबंधन को भी खासी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। अस्पतालों में मरीज तो पहुंच रहे है लेकिन उनकी देखभाल करने वाला कोई नही है। आंदोलन और हड़ताल के चलते हालात यह है कि अब सरकारी अस्पतालों को निजी नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं से मदद लेना पड़ रहा है। इंदौर के एमवाय अस्पताल के अधीक्षक डॉ. वीएस पाल ने बताया कि सुबह 150 नर्सों की ड्यूटी होती है पर केवल 120 ने ही ड्यूटी की। दोपहर और शाम को कुछ मुश्किलें आई, लेकिन हमने निजी नर्सिंग कॉलेज की छात्राओं की ड्यूटी लगा दी है। सोमवार को ओपीडी में 2000 मरीज इलाज करवाने पहुंचे, जिसमे से 85 मरीजों को भर्ती किया गया।
Created On :   24 July 2018 11:51 AM IST