पुलिस स्टेशन परिसर में जहां कबाड़खाना था, वहां अब है सुंदर गार्डन, इस कपल ने किया यह कमाल

junkyard area of Samata Nagar police station converted into garden
पुलिस स्टेशन परिसर में जहां कबाड़खाना था, वहां अब है सुंदर गार्डन, इस कपल ने किया यह कमाल
पुलिस स्टेशन परिसर में जहां कबाड़खाना था, वहां अब है सुंदर गार्डन, इस कपल ने किया यह कमाल

दुष्यंत मिश्र , मुंबई। कबाड़ खाने का जिक्र होते ही पुराने सामानों से भरी जगह का चित्र ही सामने आता है लेकिन एक बुजुर्ग कपल ने एक कबाड़खाने को सुंदर गार्डन के रूप में परिवर्तित कर नई मिसाल पेश की है। जहां चाह है वहां राह है। इस कहावत को बुजुर्ग दंपति अफजल खत्री और नुसरत खत्री ने सच साबित कर दिखाया है। कांदिवली इलाके में स्थित समता नगर पुलिस स्टेशन परिसर में जहां कभी कबाड़ और पुरानी गाड़ियां भरी पड़ी रहती थी आज वह परिसर एक हजार से ज्यादा पेड़ पौधों और कई जीव जन्तुओं का घर बन चुका है। आज मुंबई के समता नगर पुलिस स्टेशन को हरित (ग्रीन) स्टेशन के तौर पर पहचाना जाने लगा है। खत्री दंपति ने इस  कबाड़खाने का कायापलट कर यहां हरा भरा गार्डन तैयार कर दिया है। जिसे देवबाग नाम दिया गया है। पुलिस स्टेशन परिसर को हरा भरा बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले बुजुर्ग दंपति अफजल खत्री और नुसरत खत्री 15 साल तक अमेरिका में रहे। लेकिन अपने देश में रहकर यहां के लोगों के लिए कुछ करने की ललक उन्हें मुंबई खींच लाई। 

बागबानी है बेहद पसंद
बागवानी से हमें जो सुख मिलता है उसका वर्णन करना मुश्किल है। हमें यह काम बेहद पसंद है। बगीचे की देखभाल में हर महीने 10 से 12 हजार रुपए का खर्च आता है लेकिन फिजूल खर्ची की जगह इस तरह पैसे का इस्तेमाल ज्यादा बेहतर है। बारिश का पानी बचाने के लिए यहां गड्ढे भी बनाए गए हैं। अब इस बगीचे की मदद से 40 बच्चों को हर 15 दिन में पर्यावरण से जुड़ी जानकारी दी जाती है।  जिससे वे भी अपने आसपास के वातावरण को लेकर जागरूक हो सकें। 
नुसरत खत्री

जनसहयोग से तीन माह में परिसर हुआ स्वच्छ  
खत्री दंपति कुछ साल पहले समतानगर पुलिस स्टेशन नवरात्र से जुड़े कार्यक्रम की इजाजत लेने पहुंचा था। इस दौरान उन्होंने पुलिस स्टेशन में देखा कि कई पेड़ सूख चुके थे। उन्होंने पुलिसकर्मियों को 30 पेड़ वहां लगाने के लिए दिए साथ ही उनसे देखभाल का वादा लिया। उस समय वहां तैनात इंस्पेक्टर विनायक मुले दंपति से प्रभावित हुए और उन्होंने पुलिस स्टेशन के पीछे का परिसर उन्हें दिखाया और पूछा-क्या वहां कुछ किया जा सकता है। पूरा परिसर कबाड़ से भरा हुआ था।  खत्री दंपति ने चुनौती स्वीकार कर ली। इसके बाद यहां रखा कबाड़ हटाने में उन्हें  तीन महीने का समय लग गया। यहां से 18 गाड़ी कचरा उठाना पड़ा। कबाड़ साफ करने में दंपति ने आसपास के कॉलेजों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों और दूसरे लोगों को भी आगे बढ़कर मदद के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा समतानगर पुलिस स्टेशन में तैनात पुलिसवाले और मुंबई महानगर पालिका ने भी दंपति को पूरा सहयोग दिया। 

पडसलगीकर भी हुए प्रभावित  
अब इस बाग में आंवला, अमरूद, चीकू, सीताफल, जामुन, नारियल, नीम, नींबू, सुपारी, इमली जैसे एक हजार से ज्यादा पेड़ हैं। समतानगर पुलिस स्टेशन में आए इस बदलाव से मुंबई पुलिस आयुक्त दत्तात्रय पडसलगीकर भी बेहद प्रभावित हुए। उन्होंने हाल ही में दंपति से मिलकर उन्हें सराहनीय काम के लिए धन्यवाद दिया। दंपति को तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील के हाथों इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। 
 

Created On :   7 May 2018 11:33 AM IST

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