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एमपी के नए लोकायुक्त बने नरेश गुप्ता, गवर्नर कोहली आज दिलाएंगे शपथ

डिजिटल डेस्क, भोपाल। राज्य सरकार ने करीब डेढ़ साल से खाली पड़े मप्र लोकायुक्त के पद पर जस्टिस (रिटायर्ड) नरेश गुप्ता की नियुक्ति कर दी है। आज शाम 4 बजे उनका शपथ ग्रहण समारोह रखा गया है। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल ओपी कोहली उन्हें शपथ दिलाएंगे।
नियुक्ति से पहले नहीं हुई बैठक
पहली बार ऐसा हुआ है कि इस नियुक्ति के पहले मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की कोई बैठक नहीं हुई। लोकायुक्त नियुक्त किए गए गुप्ता उपलोकायुक्त उमेश चंद्र माहेश्वरी से छह साल जूनियर हैं। तीन दिन पहले सरकार ने नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को जबलपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता का अनुशंसा पत्र उपलब्ध कराया था, जिस पर उन्होंने 14 अक्टूबर को साइन किए थे। नेता प्रतिपक्ष से सहमति मिलने के बाद सरकार ने गुप्ता को लोकायुक्त बनाने के आदेश जारी कर दिए।
नियुक्ति पर विवाद
इस नियुक्ति के पहले ही पूरी प्रक्रिया पर विवाद शुरू हो गया है। सूचना के अधिकार आंदोलन के नेता अजय दुबे ने प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए 18 अक्टूबर को होने वाली शपथ रोकने के लिए राज्यपाल ओपी कोहली को पत्र लिखा है। वे इसके विरोध में सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं। राज्यसभा सदस्य और सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा ने भी दुबे के उठाए सवालों को जायज बताते हुए उन्हें समर्थन देने की बात कही है। तन्खा ने इसको लेकर ट्वीट भी किया है।
जस्टिस पीपी नावलेकर का कार्यकाल 28 जून 2016 को पूरा हो गया था। तब से ही लोकायुक्त का पद खाली था। सरकार ने उपलोकायुक्त के पद पर जस्टिस उमेशचंद्र माहेश्वरी को नियुक्त कर उन्हें लोकायुक्त का चार्ज दिया था। एक दिन पहले सरकार ने जस्टिस नरेश गुप्ता को मप्र को लोकायुक्त बनाने के अादेश जारी कर दिए। हालांकि सरकार ने इसके लिए कोई मीटिंग नहीं बुलाई। एक प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मप्र हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल से सहमति ले ली। इस पूरी प्रक्रिया पर तन्खा और दुबे ने सवाल उठाए हैं। ट्रांसपरेंसी इंटरनेशनल के मेंबर अजय दुबे ने राज्यपाल ओपी कोहली को पत्र लिखकर 18 अक्टूबर को होने वाली शपथ को रोकने की मांग की है। इस संबंध में वे सुप्रीम कोर्ट में भी दस्तक दे रहे हैं। ध्यान रहे कि डेढ़ साल से खाली पड़े इस पद के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट में पदस्थ मप्र के एक जज का नाम भी तेजी से चला था। इसके अलावा मूल रूप से गुजरात की रहने वाली एक महिला जस्टिस के नाम पर भी सरकार ने विचार किया था।
शपथ के बाद दूंगा सवालों के जवाब : गुप्ता
"भास्कर" से खास बातचीत में जस्टिस गुप्ता ने कहा कि जुलाई 2007 से मई 2010 तक लॉ सेक्रेट्री रहते हुए भी उन्होंने फ्री हैंड काम किया है। कई अहम मसलों पर अपने अभिमत दिए हैं जस्टिस गुप्ता ने कहा कि लोकायुक्त पद पर जूनियर और सीनियर की कंट्रोवर्सी से उन्हें दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा कि मेरा बायोडाटा देखिए, मैंने कितने केस को सॉल्व किया है। आपको पता चल जाएगा। उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण के बाद मैं मीडिया के हर सवाल का जवाब दूंगा।
माहेश्वरी को संकेत
प्रदेश सरकार लंबे समय से उपलोकायुक्त माहेश्वरी के काम से खुश नहीं हैं। माना जा रहा है कि सरकार ने उनसे छह साल जूनियर जस्टिस को लोकायुक्त बनाकर माहेश्वरी को संंकेत दिए हैं। प्रशासनिक हलकों में अब माहेश्वरी के अगले कदम का इंतजार किया जा रहा है।
कौन हैं नरेश गुप्ता ?
जस्टिस नरेश गुप्ता मप्र उच्च न्यायिक सेवा के अफसर रहे हैं। उनके पिता भी न्यायिक सेवा में थे। वे भी कई जिलोंं में जिला एवं सत्र न्यायाधीश रहे। नरेश गुप्ता डिस्ट्रिक्ट जज रहने के बाद वर्ष 2009 में प्रिंसिपल सेक्रेटरी लॉ बनाए गए। इसके बाद वे जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस रहे। इसके बाद वे हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में एडमिनिस्ट्रेटिव जज रहे और इसी साल 30 जून को रिटायर हुए। उनकी छवि एक ईमानदार जज के रूप में रही है। पीएस लॉ रहते वे सरकार की नजर में आए थे।
Created On :   17 Oct 2017 2:50 PM IST