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कई रोगों का एक इलाज है कड़कनाथ, तहसीलों में खुलेंगे केंद्र, मुनाफे का धंधा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की मूल प्रजाति कड़कनाथ मुर्गे की मांग देशभर में बढ़ रही है। राज्य में भी इसकी मांग के अनुसार उत्पादन नहीं होने से ग्राहकों को महीनों तक वेटिंग में रहना पड़ रहा है, इसलिए सरकार ने कड़कनाथ की पैदावार बढ़ाने के लिए एक योजना शुरू की है। कुक्कुट समूह योजना अंतर्गत सरकार हर तहसील में कड़कनाथ पैदावार केंद्र शुरू करने वाली है। नागपुर जिले को भी इस योजना में शामिल किया गया है। जिले की हिंगणा, पारशिवनी, उमरेड व कलमेश्वर में ये केंद्र शुरू की जाने वाली है। एक केंद्र की कुल लागत 10 लाख 27 हजार 500 रुपए है। इस केंद्र को शुरू करने वाले को सरकार 50 फीसदी अनुदान देगी। यानि सरकार 5 लाख 13 हजार 750 रुपए अनुदान देगी। इसके अलावा कड़कनाथ के अंडे बिक्री से लेकर मुर्गा-मुर्गियां बेचने का प्रबंध भी पशु संवर्धन विभाग करेगा। वैसे तो योजना का लाभ कोई भी ले सकता है, लेकिन किसानों के लिए यह विशेष लाभदायी बतायी जा रही है।
इस तरह होगा योजना पर अमल
सालभर पहले सरकार ने इस योजना की घोषणा की थी। अगस्त 2018 में नागपुर जिले की चार तहसीलों में योजना लागू करने की अनुमति दी गई। इसके बाद जिला पशु संवर्धन उपायुक्त कार्यालय ने कड़कनाथ पैदावार केंद्र खाेलने के लिए प्रचार-प्रसार शुरू किया। अब तक विभाग के पास 15 लोगों ने आवेदन दिए हैं। इनकी जांच-पड़ताल होने के बाद लाभार्थी चुने जाएंगे। आधा खर्च लाभार्थी को करना होगा जबकि आधी राशि अनुदान के रूप में सरकार देगी। जिले में 4 केंद्र शुरू करने के लिए अनुदान मिल चुका है। इसके लिए लाभार्थी के पास खेत या गांव के बाहर 2500 वर्ग फीट जमीन होना अनिवार्य है।
वर्तमान में कड़कनाथ के अंडे 40 रुपए प्रति नग और चूजे 80 से 90 रुपए प्रति नग के हिसाब से बिक रहे हैं। इसके अलावा पूरा परिपक्व कड़कनाथ मुर्गा जिसका वजन करीब डेढ़ किलो होता है उसकी कीमत 1200 से 1400 रुपए प्रति नग होती है। पशुसंवर्धन विभाग के पास इस समय अगले छह माह तक अग्रिम बुकिंग है। पैदावार कम होने से मांग के अनुसार आपूर्ति नहीं हो पा रही है। इस समय नागपुर विभाग की सेंट्रल हैचरी यानि कुक्कुट पैदावार केंद्र से कड़कनाथ के अंडे, चूजे, मुर्गे व मुर्गियों की आपूर्ति की जाती है लेकिन वहां मांग के अनुसार उत्पादन नहीं होने से चार तहसीलों में पैदावार केंद्र शुरू करने का निर्णय लिया गया है।
लाभदायी है इसलिए बढ़ रही मांग
पिछले कुछ सालों में कड़कनाथ मुर्गे की मांग बढ़ी है। इसके बारे में कहा जाता है कि कड़कनाथ का मांस स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायी है।इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम होता है। चरबी बढ़ने का खतरा नहीं रहता, हार्ट अटैक की संभावना कम होती है, ब्लड प्रेशर की समस्या से छुटकारा मिल सकता है, दिमाग का विकास होता है, जोड़ों के दर्द में लाभदायी है, हिमोग्लोबिन बढ़ता है, दमा-अस्थमा से राहत मिलती है, शारीरिक कमजोरी दूर होती है, टीबी व कर्करोग में भी लाभदायी है, शरीर को विटामिन बी के साथ, फॉस्फोरस, लौह, कैल्शियम आदि मिलते हैं, सफेद दाग व त्वचा रोग में भी कड़कनाथ के मांस को लाभदायी बताया गया है।
302 तहसीलों में शुरू होंगे केंद्र
राज्य में 302 तहसीलों में केंद्र शुरू किए जाएंगे। फिलहाल 16 जिलों में इस योजना पर काम शुरू है। चार जिलों में सेंट्रल हैचरी यानि कुक्कुट पैदावार केंद्र हैं। इनमें पुणे, नागपुर, औरंगाबाद और कोल्हापुर का समावेश है। इसके अलावा गड़चिरोली जिले के वड़सा में बतख पैदावार केंद्र है। प्रत्येक केंद्र में पक्षीगृह, स्टोअर रूम, पानी व बिजली की व्यवस्था, बर्तन व खाद्यान्न, अन्य आवश्यक उपकरण व दवाएं, वैक्सिनेशन, ग्राइंडर, एग्स नेस्ट आदि पर कुल 10 लाख 27 हजार 500 रुपए खर्च होंगे। इसके लिए सरकार 50 फीसदी अनुदान देगी। इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र के किसानों, पशुपालकों, स्वयंसहायता समूह, बेरोजगार आदि को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। कुछ लोगों के लिए यह पूरक आय का साधन भी हो सकता है। इस तरह सरकार की यह योजना नागपुर जिले के ग्रामीणों के लिए संजीवनी बनकर आयी है।
Created On :   30 Sept 2018 5:14 PM IST