अब मध्य प्रदेश में चलेगी 'कल्याणी विवाह योजना', मिलेंगे दो लाख रुपए

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अब मध्य प्रदेश में चलेगी 'कल्याणी विवाह योजना', मिलेंगे दो लाख रुपए
अब मध्य प्रदेश में चलेगी 'कल्याणी विवाह योजना', मिलेंगे दो लाख रुपए
हाईलाइट
  • इस नवीन योजना का लाभ उन्हीं कल्याणी महिलाओं को मिलेगा जिन्होंने 6 अप्रैल 2018 या उसके बाद विवाह किया हो और जोकि आयकर दाता नहीं हैं तथा स्वयं के साथ-साथ जिस पुरुष व्यक्ति से वे विवाह करेंगी उनका मप्र का मूल निवासी होना जरुरी होगा।
  • राज्य सरकार ने योजना में विधवा शब्द के स्थान पर कल्याणी सम्मानजनक शब्द प्रतिस्थापित किया है।
  • इसके लिये उनका बीपीएल सूची में नाम न होने का बंधन भी समाप्त कर दिया है।

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में अब मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के साथ-साथ मुख्यमंत्री कल्याण विवाह योजना भी चलेगी। राज्य सरकार ने योजना में विधवा शब्द के स्थान पर कल्याणी सम्मानजनक शब्द प्रतिस्थापित किया है। इसका उद्देश्य किसी कारण से असमय पति को खोने वाली महिलाएं समाज की मुख्य धारा में वापस लौटें हैं। इस नवीन योजना का लाभ उन्हीं कल्याणी महिलाओं को मिलेगा जिन्होंने 6 अप्रैल 2018 या उसके बाद विवाह किया हो और जोकि आयकर दाता नहीं हैं तथा स्वयं के साथ-साथ जिस पुरुष व्यक्ति से वे विवाह करेंगी उनका मप्र का मूल निवासी होना जरुरी होगा। ऐसा विवाह करने वाली कल्याणी महिला को राज्य सरकार दो लाख रुपए की सहायता राशि उसके बचत बैंक खाते में जमा करेगी।

राज्य के सामाजिक न्याय विभाग ने इस संबंध में उक्त योजना आदेश जारी कर प्रभावशील कर दी है। योजना के अनुसार, विवाह करने वाली कल्याणी की न्यूनतम आयु 18 वर्ष या उससे अधिक तथा कल्याणी के पति की आयु 21 वर्ष से अधिक होना चाहिए। यदि कल्याणी के परिवार को कोई पेंशन मिल रही है तो उसे इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा। कल्याणी को योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये शपथ-पत्र देना होगा कि वह आयकर दाता नहीं है। कल्याणी को शासकीय विभागों एवं उपक्रमों में सेवारत नहीं होना चाहिए।

कल्याणी का विवाह जिस व्यक्ति से होना है उसकी पत्नी जीवित नहीं होना चाहिए। इस योजना के तहत कल्याणी चाहे तो मुख्यमंत्री कन्या सामूहिक विवाह योजना में भी विवाह कर सकेगी परन्तु उसे कन्या विवाह योजना के तहत दी जाने वाली 25 हजार रुपए की राशि नहीं मिलेगी। कल्याणी चाहे तो बिना सामूहिक विवाह आयोजन के भी विवाह कर सकेगी। कल्याणी के नाबालिक बच्चे होने होने पर बच्चों के पालन-पोषण की जवाबदारी विाह उपरान्त कल्याणी व उसके पति की होगी। कल्याणी को अपने जीवनकाल में सिर्फ एक बार विवाह करने पर ही इस योजना का लाभ मिलेगा। यदि विवाह के बाद सात वर्ष के अंदर विवाह विच्छेद होता है तो दी गई दो लाख रुपए की राशि कल्याणी से वसूल की जाएगी।

उक्त योजना के तहत कल्याणी का जिस जिले में विवाह हुआ है, उस जिले के कलेक्टर, संयुक्त/उप संचालक सामाजिक न्याय के कार्यालय में दस्तावेज सहित आवेदन देना होगा तथा जिला कलेक्टर स्वीकारकरता अधिकारी होंगे और उसके बाद दो लाख रुपए की सहायता राशि मिलेगी।

विवाह न करने वालों को मिलेगी पेंशन
राज्य सरकार ने विवाह न करने वाली कल्याणी महिलाओं को पेंशन देने की भी नई योजना प्रारंभ कर दी है। इसके लिये उनका बीपीएल सूची में नाम न होने का बंधन भी समाप्त कर दिया है। ऐसी करीब 10 लाख 32 हजार कल्याणी महिलाओं को 18 वर्ष से 79 वर्ष तक 300 रुपए प्रति माह और 79 वर्ष के बाद 500 रुपए प्रति माह पेंशन दी जाएगी।

सामाजिक न्याय भोपाल के उप संचालक मनोज बाथम ने मामले में कहा है कि ‘‘विधवा महिलाएं अब कल्याणी कहलायेंगी तथा इनके द्वारा विवाह करने पर उन्हें दो लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाएगी। एक साल में ऐसे एक हजार विवाह होने की संभावना है।’’

Created On :   12 April 2018 10:32 AM GMT

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