कलयुग के 'श्रवण कुमार', लोगों की सेवा में लगाई जिंदगी

Kalyugs Shravan Kumar, life spent in the service of people
कलयुग के 'श्रवण कुमार', लोगों की सेवा में लगाई जिंदगी
कलयुग के 'श्रवण कुमार', लोगों की सेवा में लगाई जिंदगी

डिजिटल डेस्क,मंडला। आज के इस युग में शायद ही कोई किसी दूसरे की मदद के लिए तैयार रहता होगा, लेकिन लालजी रैकवार ने अपना पूरा जीवन दूसरों की सेवा में निकाल दिया है। पत्नी के निधन के बाद उन्होंने लोगों की सेवा करने को ही सबसे बड़ा धर्म माना। इतना ही नहीं इन्होंने अपने आवास को ही धर्मशाला बना लिया।

दरअसल महर्षि कॉलोनी में रहने वाले लालजी रैकवार देवदरा सिंचाई विभाग में पदस्थ है। वे बचपन से ही लोगों की मदद करने के लिए कार्य कर रहे हैं। पत्नी के निधन के बाद उन्होंने पीड़ित लोगों की सेवा को जीवन का लक्ष्य बना लिया। पिछले 25 साल से लगातार गरीब लोगों को सहयोग कर रहे है। लालजी रैकवार सेलरी का 70 प्रतिशत हिस्सा लोगों की मदद में खर्च कर देते हैं।

घर को बनाया धर्मशाला
लालजी रैकवार ने लोगों की मदद के लिए घर को ही धर्मशाला बना लिया। वे रोजाना शाम के समय रपटा घाट जाते है। यहां कोई असहाय बुजुर्ग, साधु संत और परिक्रमावासी मिलता है तो उसे घर ले आते है। भोजन के साथ ही सोने की व्यवस्था भी करते है। कोई असहाय बीमार बुजुर्ग मिलता तो उसकी दवा की व्यवस्था करते है।गरीब बच्चों को किताब, बुजुर्गो को जूता-चप्पल और तीर्थ यात्रा कराने के लिए खुद को मिलने वाला एरियर भी इस काम में लगा देते है। इस दरियादिली को देखकर कार्यालय में पदस्थ एसके राजू भी गरीबों की आर्थिक मदद के लिए आगे आए।

मांडवगढ़ में किराया नहीं बचा
लालजी रैकवार की दरियादिली के बारे में उज्जैन के रहने वाले करणसिंह ने बताया है कि वे एक बार मांडवगढ़ गए थे। वहां बुजुर्ग परिक्रमावासी के पैर में जूते नहीं थे। लालजी ने उन्हें जूते खरीदकर दिए। इतने में और परिक्रमावासी आ गए। उन्होंने की अपनी जरूरत बताई। परिक्रमावासियों को भोजन कराने के बाद मंडला आने के लिए उनके पास पैसे भी नहीं बचे थे। एक कार्यालय सहयोगी से खाते में पैसे डलवाने के बाद वे घर आ सके। 

सुबह गायों की सेवा
समाजसेवी और पड़ोसी आशीष ज्योतिषी ने बताया है कि लालजी के घर सुबह करीब एक दर्जन से अधिक गाय आ जाती है। रोजाना उन्हें भोजन कराते हैं। गायों को रोटी ब्रेड खिलाते है, जिससे गायों का डेरा घर के आस-पास रहता है। लालजी रैकवार उज्जैन मे मित्रों के सहयोग से धर्मशाला बना रहे हैं। उज्जैन कुंभ के दौरान तीन लोगों से मुलाकात हुई। मित्रता होने के बाद चारों ने उज्जैन में धर्मशाला बनाया का प्लान बनाया।

Created On :   21 July 2017 3:09 PM IST

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