- Home
- /
- कथक के रंगों में दिखा सूफियाना...
कथक के रंगों में दिखा सूफियाना अंदाज, "रश्के कमर" ने मचाई धूम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अद्भुत, अनोखी, आश्चर्यचकित। मुक्तांगन के मंच पर जो प्रस्तुतियां हुईं, उन्हें देख लोगों के मुख से कुछ ऐसे ही शब्द निकले। इतनी शानदार प्रस्तुति कि तालियों की गड़गड़ाहट थमने का नाम नहीं ले रही थीं। प्रस्तुतियों को देख सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, बल्कि कला की अलग दुनिया में ही दर्शक पहुंच जाता है। माैका था दक्षिण मध्य सांस्कृतिक क्षेत्र में आयोजित अतुल्य भारत का। चार दिवसीय आयोजन की शुुरुआत शुक्रवार को हुई थी। 2 अप्रैल तक अतुल्य भारत कार्यक्रम केंद्र परिसर में होगा।
शनिवार को कथक व पंडवानी और सूफी कलाम गायन संध्या का आयोजन हुआ। सूफी अंदाज में सजे कार्यक्रम की शुरुआत पंडवानी से हुई। शनिवार को संप्रिया पूजा व उनकी टीम ने प्रसिद्ध पंडवानी लोक गायन कला को प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कलाकारों ने अपनी शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को मन मोह लिया। मेले में सबसे अधिक भीड़ महिलाओं व बच्चों की ही रही।
वहीं बाबा बुल्लेशाह, शाह हुसैन के सूफी कलाम जब कथक के रंग में ढले तो एक अलग ही माहौल बन गया।
इश्क हकीकी कथक सूफी प्रस्तुति का आगाज
कथक के बेहतरीन शास्त्रीय उदाहरण पेश किए गए। इश्क हकीकी कथक सूफी प्रस्तुति का आगाज बाबा बुल्लेशाह की के कलाम से हुआ, जिसमें उन्होंने लखनऊ के कथक घराने की तस्वीर से दर्शकों को रू-ब-रू कराया। इसके बाद उन्होंने और इकबाल की गजल पर परफॉर्मेंस दी। इसकी कोरिओग्राफर दीपानिता सिंघा रॉय थीं। उन्होंने इश्क हकीकी कथक प्रस्तुत किया। शाह हुसेन, शाह बुल्ले शाह और संकल्पना दीपा नीता सिंघ रॉय की है। इश्क हकीकी की अद्भुत प्रस्तुति हुई। मेरा इश्क भी तू मेरा दिन इमान भी तू, जिस्म भी तू, रुह भी तू सुहाग तू, प्यार भी तू, पर कथक प्रस्तुति की, लोग वाह-वाह कर उठे। वहीं उमा डोगरा ने कथक से लोगों को आनंदित किया। इस अवसर पर केंद्र निदेशक इंद्र जीत ग्रोवर, प्रशासनिक अधिकारी सुदर्शन पाटील, कार्यक्रम अधिकारी प्रेम स्वरूप तिवारी, गणेश थोरात, शशांक दांडे, किरण पाटील व दीपक कुलकर्णी मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन जैनेंद्र सिंह ने किया।
लोगों को भाया "अली मोर अंगना" और "मेरे रश्के कमर"
दूसरे दिन की शाम सूफी गायन व कथक के नाम रही। दूसरे दिन की शुरुआत सूफी गायिका एकता केशर के सूफी गीतों से हुई। युवा गायिका एकता केशर ने सूफी कलाम गाया। "दिल के मंदिर में तुझको बिठाकर", "मेरे रशके कमर", "यार तेरी पूजा करुंगा", "अपनी आंखों में" गाया। सूफी अंदाज के सूफी गायन ने लोगो को खूब लुभाया। नी मैं जोगी, जोगीया आहा जोगी, नी आज कोई जोगी आवे। मेनू चढ़या रूप दा, गाकर दर्शकों को सूफी मय कर दिया। एकता केशर भजन और आस्था के गीतों के गायन लिए जानी जाती हैं। वहीं शनिवार को मुक्तांगन में उन्होंने कर दिया दिल की गल्या, पाणी पाणी होया शिशा, सूफी गीत गाकर दर्शक का जीता।
Created On :   1 April 2018 5:36 PM IST