रसोइयों के मानदेय पर विधायक ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा किया

katni MLA Sandeep Jaiswal comment on mid day meal
रसोइयों के मानदेय पर विधायक ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा किया
रसोइयों के मानदेय पर विधायक ने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा किया

डिजिटल डेस्क कटनी । कटनी मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल ने मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसोईयों के मानदेय पर अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। विधायक जायसवाल ने शासकीय स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाली रसोईयों को प्रति माह दिए जा रहे एक हजार रुपये मानदेय को अपर्याप्त बताते हुए मानदेय की राशि में वृद्धि करने का अनुरोध किया। विधायक जायसवाल के जवाब में प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने जवाब देते हुए बताया कि रसोईयों को 4000 रुपये प्रतिमाह मानदेय देने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा गया है। पंचायत मंत्री के जवाब से यह भी स्पष्ट हुआ कि रसोईयों के मानदेय का मामला केन्द्र सरकार में लंबित है। केन्द्र सरकार की स्वीकृति से ही रसोईयों के मानदेय में वृद्धि संभव है।
दिन भर काम, इतना कम दाम
विधायक जायसवाल ने बजट सत्र में प्रश्न किया कि क्या शासनादेश के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय शालाओं में कार्यरत स्व सहायता समूहों में रसोइयों को भोजन बनानेए भोजन स्थल की सफाई,  बच्चों के हाथ धुलानाए छात्रों को भोजन परोसना, बर्तन साफ करना इत्यादि कार्य रसोइयों द्वारा किया जाता है। इस संबंध में शासनादेश क्या है? रसोइयों द्वारा किए गए जाने वाले कार्यों हेतु मासिक मानदेय मात्र 1000 रुपये दिया जाता है जबकि  इन  रसोईयों को संपूर्ण शाला समय में उपस्थित रहना होता है, रसोइयों के मानदेय एवं उनकी समयावधि के संबंध में शासनादेश उपलब्ध कराएं। क्या इस महंगाई के दौर में मात्र 1000 रुपये मानदेय दिए जाने से परिवार के पालन पोषण में आ रही समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए क्या इन रसोइयों को शासन द्वारा मानदेय वृद्धि किए जाने के संबंध में आदेश प्रदान किया जाएगा यदि हां तो कब तक यदि नहीं तो क्यों?
केन्द्र सरकार को लिखा पत्र
विधायक जायसवाल के प्रश्न के जवाब में पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव जवाब दिया कि यह बात सही है कि इन रसोइयों के लिए जो मानदेय देते हैं वह 1000 रुपये है और राज्य सरकार ने स्वत: इस बात को पहल करते हुए भारत सरकार को पत्र लिखा है।  महंगाई बढ़ी है इसलिए पुनरीक्षित मानदेय 4000 रुपये करने के लिए पत्र लिखा था। पंचायत मंत्री ने विश्वास जताया कि भारत सरकार जल्द इस पर विचार करेगी। पंचायत मंत्री ने कहा कि  पूर्व में स्वयं दिल्ली गया
था और सत्र समाप्ति के बाद फिर से चला जाऊंगा।

 

Created On :   10 March 2018 7:54 AM GMT

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