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विविध परिस्थितियों में विसासं को एकजुट रखा : म्हैसालकर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ साहित्य संघ की कार्यकारिणी बनाने के लिए नए कार्यकर्ताओं को जोड़ा और पुराने लोगों को संरक्षक की भूमिका में रखा। मैंने आराम क्यों नहीं किया, ऐसा सवाल कई लोगों द्वारा उठाया जाता है। मैंने दो बार आराम करने की कोशिश की, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका। विविध परिस्थितियों में विदर्भ साहित्य संघ को एकजुट रखने का प्रयास किए। यह मनोगत विदर्भ साहित्य संघ के अध्यक्ष मनोहर म्हैसालकर ने व्यक्त किए।
अ.भा. मराठी साहित्य महामंडल की ओर से शुक्रवार को विदर्भ साहित्य संघ के अमेय सभागृह में मनोहर म्हैसालकर को पं. ह्दयनाथ मंगेशकर के हस्ते ‘प्राचार्य राम शेवालकर वाङमयीन कार्यकर्ता’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें नकद राशि, शॉल-श्रीफल, मानपत्र, सम्मानचिह्न देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महामंडल के अध्यक्ष प्राचार्य कौतिकराव ठाले पाटिल ने की। मंच पर विशेष अतिथि वरिष्ठ नाटककार महेश एलकंुचवार, गिरीश गांधी, महामंडल के कार्यवाह प्रा. दादा गोरे, कोषाध्यक्ष डॉ. रामचंद्र कालुंखे आदि उपस्थित थे। प्रास्ताविक प्रा. दादा गोरे ने किया। निवेदन प्रकाश एदलाबादकर ने तथा अाभार गजानन नारे ने माना। कार्यक्रम में महेश एलकंुचवार व कौतिकराव ठाले पाटिल ने भी अपने मनोगत व्यक्त किए।
Created On :   18 Dec 2021 4:29 PM IST