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आखिर रेल कर्मचारियों को क्यों करनी पड़ रही है मजदूरी ?

डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक जल्द से जल्द ट्रेन चलाने के लिए हर संभव कोशिश की जा रही है। इसके लिए छिंदवाड़ा-नागपुर ब्राडगेज का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। इसी के तहत एडीआरएम दो बार निरीक्षण कर चुके हैं।
निरीक्षण के दौरान निर्माण एजेंसी ने मजदूरों की कमी का मुद्दा उठाया था, लेकिन रेलवे प्रबंधन ने छिंदवाड़ा से भंडारकुंड तक काम कराने के लिए तीन जिलों के रेलवेकर्मियों से काम कराना शुरू कर दिया है। सिवनी से 35, नैनपुर से 16 एवं सावनेर से 15 रेलवे कर्मचारियों को मजदूरी करने बुलाया गया है जबकि यह काम ठेकेदार व निर्माण एजेंसी से करवाया जाना था। बीते 15 दिनों से 60 से अधिक रेलवे कर्मचारी भंडारकुंड तक ट्रेक पर पुताई से लेकर हर काम कर रहे है।
नैनपुर से आए रेलवे कर्मचारी आशीष चक्रवर्ती ने बताया कि सुपरवाइजर एवं मेट को भी ट्रेक पर मजदूरी करनी पड़ रही है, जबकि यह काम ठेकेदार का है। रेलवे कर्मचारियों से ठेकेदार के काम को कराए जाने के सवाल पर कोई भी अधिकारी कुछ बोलने के लिेए तैयार नहीं है।
रेलवे को दोहरी चपत
गौरतलब है कि ठेकेदार को काम का 80 फीसदी पेमेंट किया जा चुका है। जबकि ठेकेदार के मजदूरों का काम रेलवे के कर्मचारी कर रहे है। जिसमें की मेन, मेट, ट्रेक मेन, टेक्निशियन ग्रेड-1 के कर्मचारी शामिल है। जिन्हें वेतन के साथ ही विभाग को टीए-डीए भी देना होगा। इस तरह रेलवे को दोहरी चपत लग रही है।
Created On :   18 July 2017 11:14 AM IST