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जानिए इस साल सर्दियां इतनी सर्द क्यों नहीं, क्या कहता है मौसम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारत में दिसम्बर से फरवरी के बीच ठंड चरम पर होती हैं। इस दौरान उत्तर भारत में मौसम को प्रभावित करने वाले चक्रों की संख्या, उनकी तीव्रता और उनके आने का रास्ता महत्वपूर्ण होता है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार सर्दियों में कम से कम 4 से 6 या अधिक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आते हैं। इनमें से दो विक्षोभों का प्रभावी होना उत्तर भारत के सामान्य मौसम के लिए आवश्यक है। प्रभावी पश्चिमी विक्षोभों से उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र या निम्न दबाव के क्षेत्र विकसित होते हैं। सर्दी में ऐसे चक्रों की एक से दो बार अपेक्षा होती है। इससे ही पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर मैदानी इलाकों तक का मौसम करवट लेता है। सर्दी अपनी लय में आती है। शीतलहर, पाला, घना कोहरा भी शुरू होती है।
आमतौर पर नवंबर महीने से ही पश्चिमी विक्षोभ निचले स्तर से गुज़रने लगते हैं और इनकी क्षमता भी बढ़ने लगती हैं। मौसम में बदलाव विक्षोभों के नीचे आने के कारण ही देखने को मिलता है। इस साल की नवंबर से पश्चिमी विक्षोभों के आने का क्रम बढ़ा है। यह निचले स्तर से होकर निकलने भी लगे हैं। लेकिन उम्मीद से कमजोर रहे। इससे बारिश का जोर कश्मीर औैर इसके आस-पास ही केन्द्रित रहा। यही वजह है कि इस साल मानसून के बीतने के बाद 1 अक्टूबर से अब तक जम्मू कश्मीर से सामान्य से 32 प्रतिशत तक अधिक वर्षा रिकार्ड हुई है।
दूसरी ओर दोनों अन्य पर्वतीय राज्यों में बारिश सामान्य तक नहीं पहुंची। हिमाचल प्रदेश में सामान्य से 25 प्रतिशत तो उत्तराखंड में सामान्य से 66 प्रतिशत कम बारिश रिकार्ड हुई है। मैदानी राज्यों में दिल्ली, हिमाचल व पंजाब में भी वर्षा सामान्य से काफी नीचे दर्ज की गई है। यही वजह है कि उत्तर भारत सहित देश के अधिकांश इलाकों में अब तक ठंड अपनी लय में नहीं हैं। इसके अलावा कुछ अन्य वैश्विक परिस्थितिया भी भारत के मौसम को प्रभावित करती हैं। जिनमें एमजेओ और अल-नीनो की भूमिका को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। इस समय अल-नीनो उभर पर है और इसके उभर पर रहने की स्थिति में आशंका रहती है कि सर्दियाें का जोर कम रहे। एक अन्य मौसमी मापदंड है मैडेन जूलियन ओशलेशन, एमजेओ। इसका असर भी भारत के मौसम पर पड़ता है। एमजेओ 30 से 40 दिनों के लिए पूरी दुनिया में अस्तित्व में रहता है। भारत के पास इसका चक्र दो सप्ताह का होता है।
Created On :   10 Dec 2018 10:29 PM IST