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कोराड़ी ग्राम पंचायत ने दुकानों की डिपॉजिट रकम निर्माणकार्य पर कर डाली खर्च

डिजिटल डेस्क, नागपुर । कोराडी ग्राम पंचायत में दुकानों की डिपॉजिट रकम निर्माणकार्य पर खर्च कर दी गई। दुकानदारों से डिपॉजिट के रूप में लिए गए 50 लाख रुपए एक साल के लिए फिक्स डिपॉजिट किए गए थे। अवधि समाप्त होने पर ब्याज सहित 53 लाख, 46 हजार 770 रुपए मिले। अन्य खाते से रकम डालकर 60 लाख रुपए एक साल के लिए बैंक में डिपॉजिट करने का 24 जुलाई 2020 को ग्राम पंचायत की मासिक सभा में प्रस्ताव पारित किया गया था, लेकिन ग्राम पंचायत सचिव ने रकम बैंक में डिपॉजिट न करते हुए निर्माणकार्य पर खर्च कर डाली।
जिला परिषद सदस्य नाना कंभाले ने 26 मई को स्थायी समिति की बैठक में कोराडी ग्राम पंचायत में आर्थिक अनियमितता का मुद्दा उठाने पर गट विकास अधिकारी को जांच के आदेश दिए। जांच के लिए गठित समिति ने दस्तावेजों की जांच कर संबंधितों के बयान दर्ज किए। प्रशासन को सौंपी रिपोर्ट में नियमों को धता बताकर अनेक आर्थिक व्यवहार किए जाने का खुलासा हुआ है। इस रिपोर्ट में जांच समिति ने संबंधित व्यक्ति से खर्च राशि वसूलने की सिफारिश भी की है।
रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि, एनएमआरडीए के फंड से कोराडी ग्राम पंचायत ने 156 दुकानों का निर्माणकार्य किया। 29 सितंबर 2021 को दुकानों का कब्जा ग्राम पंचायत को दिए जाने का दस्तावेजों जिक्र है, जबकि सितंबर माह शुरू ही नहीं हुआ है। ग्राम पंचायत को प्राप्त दुकानों की डिपॉजिट रकम वरिष्ठों की बिना अनुमति लिए निर्माणकार्य पर खर्च कर दी गई। ग्राम पंचायत के रिकॉर्ड में इसका लेखा-जोखा उपलब्ध नहीं है। दरअसल, महाराष्ट्र ग्राम पंचायत लेखा संहिता 2011 के प्रकरण 14 में नियम 66(2) के तहत ग्राम पंचायत को प्राप्त डिपॉजिट रकम खर्च नहीं की जा सकती।
कामों के बिना मूल्यांकन किए खर्च की निधि
ग्राम पंचायत में 14 विकासकार्य चल रहे हैं। उक्त कामों के प्रस्ताव तकनीकी मंजूरी के साथ प्राकलन समिति को उपलब्ध कराए गए। उसमें से 5 कामों को प्रशासकीय मंजूरी दी गई है। शेष 9 कामों को प्रशासकीय मंजूरी नहीं मिलने का रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है। 14 कामों में 9 कामाें का मूल्यांकन व काम पूरा होने का प्रमाणपत्र ग्राम पंचायत रिकॉर्ड में उपलब्ध है। 6 कामों का मूल्यांकन नहीं किए जाने की जानकारी जांच में सामने आई है। उपरोक्त काम पर सामान्य निधि व नवरात्र पार्किंग खाते से खर्च की गई है।
मंजूरी से ज्यादा निधि खर्च
खापरी स्कूल में पेवर बॉक लगाने के काम को तकनीकी मंजूरी दी गई। प्राकलन 10 लाख, 43 हजार रुपए का दिया गया, जबकि 12 लाख 56 हजार 863 रुपए खर्च किया गए। मंजूर निधि से ज्यादा खर्च किया गया।
विभागीय जांच चल रही
जांच समिति की रिपोर्ट में आर्थिक अनियमितता का खुलासा हुआ है। इस मामले की विभागीय जांच चल रही है। आर्थिक अनियमितता की पुष्टि होेऐ पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
-राजेंद्र भुयार, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी, पंचायत विभाग, जिला परिषद
Created On :   9 Aug 2021 12:50 PM IST