कोविड शव को अग्नि देने की चुकानी पड़ रही कीमत, मांग रहे ढाई हजार रुपए

Kovid is paying the price to fire a dead body, asking for two and a half thousand rupees
कोविड शव को अग्नि देने की चुकानी पड़ रही कीमत, मांग रहे ढाई हजार रुपए
कोविड शव को अग्नि देने की चुकानी पड़ रही कीमत, मांग रहे ढाई हजार रुपए

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  जीते जी कोरोना पीछा नहीं छोड़ रहा आैर मरने के बाद सिस्टम हथौड़ा चला  रहा है। मरने के बाद भी मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही। कोरोना संक्रमण से मृत्यु होने पर कोविड प्रोटोकॉल के तहत मनपा शव लेकर घाट पर पहुंचती है। घाट पर तैनात ठेका कर्मचारी अंतिम संस्कार करता है। अंतिम संस्कार नि:शुल्क है, लेकिन यहां भी पीड़ितों से एक शव को अग्नि देने के ढाई हजार रुपए लिए जा रहे हैं। शव जलाने में कुछ ऐसे लोग भी शामिल हो गए हैं, जिनका मनपा या ठेकेदार से कोई संबंध नहीं है। कुछ लोगों ने इसे आय का जरिया बना लिया है। गंगाबाई घाट पर यह नजारा आम हो गया है। वरिष्ठ अधिकारियों की लापरवाही से यह गोरखधंधा फल-फूल रहा है। 

शव कोई दूसरा नहीं जला सकता 
शहर में सबसे ज्यादा शव मोक्षधाम व गंगाबाई घाट पर पहुंच रहे हैं। अकेले गंगाबाई घाट पर हर दिन 60 से ज्यादा शव आ रहे हैं, जिसमें अधिकांश शव कोरोना पाॅजिटिव लोगोंं के होते हैं। कोविड से मृत्यु होने पर मनपा की एम्बुलेंस सीधे अस्पताल से शव लेकर घाट पर पहुंचती है। कोविड प्रोटोकॉल के तहत परिजन शव को न स्पर्श कर सकते हैं न अग्नि दे सकते हैं। शव के पास पहले से कुछ लोग खड़े रहते हैं, जो अग्नि देने के लिए तैयार होते हैं। पीड़ित परिवार से शव जलाने के लिए ढाई हजार रुपए मांगे जाते हैं। पीड़ित परिवार कोई जवाब दे, इसके पूर्व ही यह समझा दिया जाता है कि कोविड का शव कोई दूसरा जला नहीं सकता। 

सब खुलेआम चल रहा है
डीजल या मिट्टी तेल लाने तक शव यहां रखना जोखिम भरा है। अन्य शव शीघ्र यहां पहुंचेंगे, इसलिए तुरंत बताए। पीड़ित  के सामने ऐसी स्थिति निर्माण कर दी जाती है कि वह मजबूरी में ढाई हजार रुपए दे देता है। यह सब कुछ खुलेआम हो रहा है। घाट पर मनपा के कर्मचारी तैनात होते हैं, लेकिन वे कुछ नहीं बोलते। मानो उनकी सरपरस्ती में ही यह चल रहा हो। मनपा 7 मन लकड़ी का 2,530 रुपए शुल्क वसूल रही है। 

मनपा मेरे ढाई हजार वापस करे
चंद्रपुर जिले के कलमगांव भिसी के किसान लालाजी लक्ष्मणराव डांगे की 13 अप्रैल को मेडिकल अस्पताल में मृत्यु हुई। बुजुर्ग लालाजी कोरोना संक्रमित थे। मनपा कर्मचारी एम्बुलेंस से शव गंगाबाई घाट ले आए। लकड़ी के 2,530 रुपए देने के बाद शव को अग्नि देने के ढाई हजार रुपए मांगे गए। किसी ने उन्हें टोका तक नहीं। 2,500 रुपए देने के बाद ही शव को जलाया गया। शव लाने वाले मनपा कर्मचारियों ने चाय-पानी खर्च मांगा। 100 रुपए दिए, तो ज्यादा लोग होने का कारण बताकर आैर 100 रुपए ले लिए। लालाजी के भतीजे अमित डांगे ने कहा कि परेशान लोगों को यहां आैर परेशान किया जाता है। शव जलाने के ढाई हजार व चाय-पानी के 200 रुपए लिए मनपा वापस करे। 

गाड़ी से शव उतारने के बाद मांगते हैं चाय-पानी के लिए पैसे 
मनपा कर्मचारी एम्बुलेंस में शव घाट पर लाते हैं। शव उतारने के बाद पीड़ित परिवार से चाय-पानी के लिए पैसे मांगे जाते हैं। कोई 100 रुपए देता है, तो उसे ज्यादा कर्मचारी होने का कारण बताकर 200 रुपए लिए जाते हैं। 

मुझसे 3 हजार रुपए ज्यादा लिए 
यश जसानी के ससुर सुधाकर इंगले (60) कोरोना संक्रमित थे। 14 अप्रैल को पारडी के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हुई। मनपा के लोग एम्बुलेंस में शव लेकर गंगाबाई घाट पहुंचे। ड्राइवर ने घाट पर एक व्यक्ति को 5,500 रु. देने को कहा। 2,530 रुपए की रसीद दी गई। यश का कहना है कि, यह गोरखधंधा खुलेआम चल रहा है आैर सबकी मिलीभगत से यह हो रहा है। सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

शिकायत पर कार्रवाई करेंगे
शव जलाने या शव लाने पर चाय-पानी के लिए पैसे मांगने की शिकायत मिली, तो निश्चित ही संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी। कोविड शव जलाने का काेई शुल्क नहीं है। पीड़ित व्यक्ति इसकी शिकायत करें, ताकि संबंधित व्यक्ति की जवाबदेही तय करके कार्रवाई की जा सके।
-डॉ. प्रदीप दासरवार, उपायुक्त (घनकचरा प्रबंधन) मनपा

Created On :   17 April 2021 12:08 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story