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कवियों का राजनीति से कोई सरोकार नहीं: कुमार विश्वास

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दिल्ली में राजनीतिक पारी खेल, लौटे जाने-माने कवि व विचारक कुमार विश्वास का मानना है कि कवियों का राजनीति से कोई सरोकार नहीं रहता है। आधुनिक राजनीतिक घटनाक्रम व राजनीतिज्ञों पर व्यंग्य बाण छोड़ते हुए डॉ. विश्वास ने सीधे तौर पर कहा कि कवियों का राजनीति से कोई लेना देना नहीं रहता है। आम लोगों से स्वच्छ छवि के दल व नेताओं को चुनने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की रोटी उलटती-पलटती रहती है। खासदार सांस्कृतिक महोत्सव में कवि सम्मेलन में डॉ. विश्वास पूरी तरह से राजनीतिक रंग में नजर आए। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी की संकल्पना से चल रहे खासदार सांस्कृतिक महोत्सव को कवि कुमार विश्वास ने खास बनाया। महोत्सव का आयोजन सुरेश भट सभागृह में किया गया। कार्यक्रम के दौरान मंच पर समाजसेवी कांचन गडकरी, पूर्व सांसद दत्ता मेघे, विधान परिषद सदस्य गिरीश व्यास, विधायक सुधाकर कोहले, श्रीपाद अपराजित, विजय दर्डा, रवि कासखेड़ीकर, उप महापौर दीपराज पार्डीकर की उपस्थित थे। महोत्सव में विधान परिषद सदस्य अनिल सोले, राजेश बागड़े, प्रमोद पेंडके, जयप्रकाश गुप्ता, मधुप पांडेय आदि उपस्थित थे। कवि कुमार विश्वास के साथ ही रमेश मुस्कान, ममता शर्मा, सुदीप भोला, दिनेश बावरा ने भी लोगों को खूब हंसाया।
कविताओं से लोगों को किया मंत्रमुग्ध
मोहम्मत न होती तो गजल कौन कहता
कीचड़ के फूल को कमल कौन कहता
यही तो प्यार का करिश्मा है मेरे दोस्त
वरना पत्थर की इमारत को ताजमहल कौन कहता।
जैसे ही कवि डॉ. कुमार विश्वास ने यह पंक्तियां प्रस्तुत कीं, तो पूरा परिसर कवितामय हो गया। ठंड के मौसम में हुई बारिश को कवि ने शुभ बताकर उस पर कविता की। साथ ही सियासत करने वालों पर जमकर कटाक्ष किया। राजनीतिक, आर्थिक सामाजिक बुराइयों पर प्रहार करते हुए एक से बढ़कर एक कविता पढ़कर खूब लोकप्रियता बटोरी। अपनी रचनाओं से श्रोताओं को लोटपोट करते हुए उन्हें हंसने पर मजबूर कर दिया। श्री विश्वास ने हाल ही में हुए मप्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के चुनावी माहौल प्रस्तुत कर लोगों का हंसाया। साथ ही मप्र के चुनावी परिणामों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मप्र का चुनावी रुझान देखकर ऐसा लग रहा था कि मानों भारत-पाकिस्तान का मैच चल रहा हो। साथ ही कवियों के निशाने पर यूपी चुनाव में बुआ मायावती और भतीजा अखिलेश यादव के अलावा पंजाब में अरविंद केजरीवाल के हाल पर जमकर व्यंग कसा। श्रोताओं ने भी तालियों से कवियों को समर्थन दिया। हास्य कवि सम्मेलन में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
स्वच्छ भारत और कन्या भ्रूण हत्या पर भी पेश की कविता
कवियत्री ममता शर्मा ने झुमका गिरा रे गीत पर नेताओं के बदलते रंग को जनता के सामने प्रस्तुत किया। इसके साथ ही स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने पर भी कविता की गई। साथ ही भ्रूण हत्या पर की गई कविता ने श्रोताओं की आंखों को नम किया। कवि सम्मेलन में समाज के हर क्षेत्र पर बात रखी गई। युवाओं के साथ हर उम्र वर्ग के हजारों की संख्या में उपस्थित थे।
बारिश से हुई परेशानी
खासदार सांस्कृतिक महोत्सव के दौरान हुई बारिश के चलते स्थान परिवर्तित किया गया। अपने पसंदीदा कवि डाॅ. कुमार विश्वास को सुनने के लिए कई लोग ईश्वर देशमुख शारीरिक शिक्षण महाविद्यालय में पहुंचे लोगों को परेशानी हुई। शाम 5 बजे हुए कवि सम्मेलन का स्थान परिवर्तित कर सुरेश भट सभागृह रेशमबाग कर दिया गया।
Created On :   18 Dec 2018 1:51 PM IST