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कुंटे ने भी माना, मुख्यमंत्री के निर्देश पर रोके गए थे पुलिस अधिकारियों के तबादले

डिजिटल डेस्क, मुंबई । मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निर्देश पर पुलिसवालों के तबादले रोके गए थे। ईडी को दिए बयान में राज्य के पूर्व मुख्य सचिव और अब उद्धव ठाकरे के प्रमुख सलाहकार सीताराम कुंटे ने भी इसकी पुष्टि की है। ईडी ने जो आरोपपत्र दायर किया है उसमें कुंटे का यह बयान भी शामिल हैं जिसमें उन्होंने स्वीकार किया है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुंबई में 10 पुलिसवालों के तबादले रोके गए थे। 10 पुलिस उपायुक्तों के तबादले को लेकर ईडी को दिए अपने जवाब में सीताराम कुंटे ने बताया है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में फोन किया था जिसके बाद तत्कालीन मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने तबादले रद्द कर दिए थे। हालांकि कुछ अधिकारियों ने पदभार स्वीकार कर लिए थे। कुंटे ने ईडी को दिए अपने बयान में कहा है कि मुख्यमंत्री ने फोन किया था और यथास्थिति बनाए रखने को कहा था। इसके बाद उन्होंने सिंह को तबादले रद्द करने का संदेश भेजा था। कुंटे ईडी के सामने यह भी स्वीकार कर चुके हैं कि तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों के तबादले के लिए अनाधिकारिक सूची दिया करते थे।
जेल में होती है वाझे की पिटाई
इसके अलावा सिंह ने ईडी से दावा किया था कि सचिन वाझे की बहाली के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे और तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने दबाव डाला था। सिंह ने ईडी से यह भी दावा किया है कि देशमुख ने वाझे पर अपना बयान बदलने के लिए दबाव डाला। वाझे को जेल में कपड़े उतारकर मारा पीटा जाता है।
ट्रांसफर रैकेट पर इसलिए नहीं हुई कार्रवाई
ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर राज्य की तत्कालीन खुफिया विभाग की प्रमुख रश्मी शुक्ला की रिपोर्ट पर महाविकास आघाड़ी सरकार द्वारा कार्रवाई न किए जाने की वजह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के प्रमुख सलाहकार सीताराम कुंटे ने तत्कालीन पुलिस महानिदेशक सुबोध कुमार जायसवाल को जिम्मेदार ठहराया है। इस मामले में ईडी को दिए गए अपने बयान में कुंटे ने बताया है कि जुलाई 2020 में शुक्ला ने कुछ लोगों के फोन रिकॉर्ड कर दावा किया था कि पुलिस अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति में कुछ बिचौलिए सक्रिय हैं। शुक्ला ने तत्कालीन डीजीपी सुबोध जायसवाल को यह रिपोर्ट सौंपी थी। जायसवाल ने 27 अगस्त को यह रिपोर्ट कुंटे के पास भेजी।
उन्हें कहा गया था कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस बारे में जानकारी दे दें। इसके बाद कुंटे ने मुख्यमंत्री के पास जब रिपोर्ट भेजी तो कोरोना संक्रमण काफी बढ़ गया था। इसके चलते तुरंत कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी। बाद में मुख्यमंत्री के निर्देश पर डीजीपी जायसवाल को 28 सितंबर को एक पत्र भेजा गया। पत्र में लिखा गया था कि सरकार ने रिपोर्ट को बेहद गंभीरता से लिया है। साथ ही इस मामले में संबंधित पुलिस अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जानी चाहिए इसकी रिपोर्ट सबूत के साथ डीजीपी को भेजने को कहा गया था। लेकिन इस पर अब तक डीजीपी कार्यालय से जवाब नहीं आया है जिसके चलते कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने सदन के भीतर सरकार पर इस मामले में कार्रवाई न करने के आरोप लगाए थे। कुंटे ने ईडी को बताया कि इसके बाद मुख्यमंत्री ने उनसे तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी जो उन्होंने 25 मार्च 2021 को मुख्यमंत्री को सौंपी थी।
Created On :   3 Feb 2022 7:30 PM IST