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एक साथ रेलवे के 105 मजदूरों को निकाला काम से बाहर
डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक साल से ज्यादा समय से नागपुर रेलवे स्टेशन पर आनेवाली गाड़ियों में पानी भरने का काम कर, जीवन का उदरनिर्वाह करनेवालों पर अचानक भूखे मरने की नौबत आ गई है। यह सब नये ठेके के चलते हुआ है। इस बात का विरोध करते हुए बुधवार की सुबह सौ से अधिक मजदूर डीआरएम कार्यालय अपनी मांगों को लेकर पहुंचें। प्रदर्शन कर डीआरएम के पास अपनी समस्या रखी, जिसके बाद रेलवे ने उचित हल निकालने का आश्वासन दिया है।
नए ठेकेदार के फरमान का विरोध
उल्लेखनीय है कि नागपुर रेलवे स्टेशन पर रोजाना 125 गाड़ियों से ज्यादा गाड़ियों का आवागमन होता है। इनमें से कई गाड़ियों का नागपुर में रखरखाव होता है। गाड़ियों के कोच में पानी भरा जाता है। ताकि यात्रियों को बाथरूम, बेसिंग में पानी मिल सके। रेलवे की ओर से यह काम निजी ठेकेदारों को दिया गया है। ऐसे में एक साल पहले एक ठेकेदार ने 105 मजदूरों को काम पर रखा था। जिन्हें 13 हजार 500 रुपये वेतन के साथ पीएफ व ईएसआई की सुविधा मिल रही थी। लेकिन एक दिन पहले ही नया टेंडर ओपन हुआ है। जिसमें नये ठेकेदार को यह ठेका मिला है।
पूर्व सूचना दिए बगैर निकाला काम से
मजदूरों का कहना है, कि नए ठेकेदार ने मजदूरों को कम मजदूरी में काम करने के लिए कहा है। साथ ही पीएफ व ईएसआईसी की सहूलियत भी नहीं देने की बात कही है। शर्ते मंजूर नहीं होने पर काम छोड़ने के लिए कहा गया। जब मजदूरों ने इस बात का विरोध किया तो किसी तरह की पूर्वसूचना दिये बगैर काम से बाहर कर दिया गया। ऐसे में मजदूरों पर भूखे मरने की नौबत आ गई। परिणामस्वरूप सौ से ज्यादा मजदूरों ने बुधवार को डीआरएम कार्यालय के सामने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया। मजदूरों ने पूर्ववत काम पर लेकर उन्हें सारी सुविधाएं पूर्ववत देने की मांग की है। मांग पूरी न होने पर उग्र आंदोलन उठाने की तैयारी भी जताई है।
Created On :   26 Dec 2018 8:32 AM GMT