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मेडिकल हास्पिटल में मास्क, हैंड ग्लव्स और जरूरी वस्तुओं की कमी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में लगातार कोराेना के मरीज मिल रहे हैं। इसके लिए शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल और इंदिरा गांधी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल तैयार किए गए हैं। इसके अतिरिक्त इन दोनों अस्पतालों में नॉन कोविड मरीजों की संख्या भी अधिक है। कुछ दिनों से मेडिकल अस्पताल में मास्क, हैंड ग्लव्स, टिटनेस के इंजेक्शन और अन्य दैनिक उपयोग में अाने वाली छोटी वस्तुओं की कमी चल रही है। इसके साथ ही अब दवाओं का स्टॉक भी कम हो गया है। परिजनांे को बाहर से दवाई खरीदकर लाना पड़ रहा है।
डॉक्टरों को सुरक्षा की चिंता
शहर के मेडिकल अस्पताल में शहर के आसपास के जिले और राज्यों से भी लोग आते हैं। यहां पर सुबह 9 से 1 बजे तक मरीजों के लिए ओपीडी लगती है। यहां पर सभी विभागों में मरीजों के इलाज के लिए मरीज आते हैं। कुछ दिनों से मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। यहां पर इलाज के दौरान उपयोग होने वाली कई वस्तुएं नहीं हैं। डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए मास्क, हैंड ग्लव्स सहित अन्य सुरक्षा किट की कमी चल रही है। कोविड के दौर में ओपीडी में आने वाले मरीजों में से भी कई संक्रमिताें की पहचान हुई है। ऐसे में डॉक्टरों को सुरक्षित रह कर कार्य करने के लिए इनकी सख्त जरूरत है।
देना चाहिए अधिकार
मेडिकल में आरपी सिंह प्रभारी डीन हैं। उनको अभी तक किसी भी आर्थिक व्यवहार में हस्ताक्षर करने का अधिकार नहीं दिया है। इस कारण मेडिकल में सभी वस्तुओं की कमी चल रही है। इसमें लोकल उपयोग में आने वाली बहुत सी वस्तुएं नहीं हैं। प्रशासन को इसके लिए या तो प्रभारी डीन को इसकी खरीदी का अधिकार देना चाहिए या कोई अतिरिक्त उपाय निकालना चाहिए। -त्रिशरण सहारे, अध्यक्ष, विदर्भ वैद्यकीय महाविद्यालय आरोग्य कर्मचारी संगठन
परिजन हो रहे परेशान
इसके साथ ही मरीजों के इलाज के लिए स्टोर में कुछ दवाइयों की भी कमी चल रही है। यह दवाइयां दैनिक ओपीडी में उपयोग की जा रही है। साथ ही टिटनेस के इंजेक्शन और इंजेक्शन से पहले लगाने वाले एंटीबॉयोटिक लिक्विड की भी कमी है। डॉक्टरों को मजबूरन बाहर से यह वस्तुएं खरीदकर लाने के लिए बोलना पड़ रहा है, जिससे परिजन परेशान हो रहे हैं।
बिना हस्ताक्षर खरीदी में परेशानी
वर्तमान में कॉलेज के डीन डॉ. सजल मित्रा छुट्टी पर चल रहे हैं। उनके स्थान पर प्रभारी कार्यभार डॉ. सिंह को दिया गया है। लेकिन किसी भी तरह का आर्थिक कार्य करने के लिए डीन डॉ. मित्रा के ही हस्ताक्षर लगेंगे। हस्ताक्षर नहीं होने के कारण किसी तरह की कोई खरीदी नहीं हो पा रही है। यह भी एक विषय सामने आया है। इसके साथ निजी स्तर पर खरीदी करने की भी सीमा है। अधिक मात्रा में निजी स्तर पर खरीदी नहीं कर सकते।
Created On :   10 Feb 2021 12:52 PM IST