जिला परिषद में अधिकारियों की कमी, कामकाज प्रभावित

Lack of officers in jila panchayat, work is being affected
जिला परिषद में अधिकारियों की कमी, कामकाज प्रभावित
जिला परिषद में अधिकारियों की कमी, कामकाज प्रभावित

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  जिला परिषद में अधिकारियों की कमी से जहां कामकाज प्रभावित हो रहे हैं वहीं प्रभारीयों के भरोेसे जिला परिषद कामकाज निपटाने की जुगत लगा हुआ है।  जिपं के विविध विभागों में प्रथम और द्वितीय श्रेणी अधिकारियों के 94 पद रिक्त हैं। इन पदों का कारोबार प्रभारी के भरोसे चल रहा है। इनमें से कुछ पदों का अन्य अधिकारियों पर अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। कुछ पदों की बागडोर कनिष्ठ श्रेणी के अधिकारियों के कंधों पर सौंपी गई है। पूर्णकालीन अधिकारी नहीं रहने से विकास की गाड़ी लड़खड़ा गई है। अनेक योजनाएं केवल कागजों पर चल रही हैं।

बाल विकास प्रकल्प अधिकारी के 6 पद रिक्त
सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में महिला व बाल  विकास विभाग द्वारा अनेक योजनाएं चलाई जाती हैं। इन याेजनाओं पर तहसील में प्रत्यक्ष अमल करने वाले एकात्मिक बाल विकास प्रकल्प अधिकारी के 6 पद रिक्त हैं। शून्य से 6 वर्ष आयु के बच्चे, किशाेरियों और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य तथा पोषण से संबंधित योजनाओं की कमान इन अधिकारियों पर है। अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे अधिकारी पर काम का बोझ बढ़ने से पोषण आहार की गुणवत्ता, प्रयोगशाला में नियमित जांच आदि कार्यों को नजरअंदाज कर खानापूर्ति की जा रही है। कृषि विभाग में जिला कृषि अधिकारी सामान्य व विशेष घटक योजना के 2 पद मंजूर है और दोनों पद रिक्त है। इसके अलावा मुहिम अधिकारी का एक पद मंजूर है, वह भी खाली पड़ा है। जिला परिषद के सभी विभागों में प्रथम और द्वितीय श्रेणी अधिकारी के कुल 387 पद मंजूर है। इसमें से 293 पदों पर अधिकारी कार्यरत है। 94 पद रिक्त है। इन पदों का कारोबार प्रभारी के कंधों पर चलाया जा रहा है।

प्रभारी के हाथों समाज कल्याण की बागडोरH
जिला परिषद का समाज कल्याण विभाग की कमान पिछले डेढ़ वर्ष से प्रभारी के हाथ सौंपी गई है। इस विभाग में चतुर्थश्रेणी कर्मचारी छोड़ अन्य कर्मचारियों की आस्थापना राज्य सरकार का समाज कल्याण विभाग है। इस विभाग में भी अनेक पद रिक्त है। पशु संवर्धन विभाग में काटोल, जलालखेड़ा, भिवापुर और नागपुर में पशुधन विकास अधिकारी के पद रिक्त है। निर्माणकार्य विभाग में उपकार्यकारी अभियंता-उपविभागीय अभियंता वर्ग दो के 9 में से 4 पद रिक्त है। रामटेक, सावनेर, मौदा में उपअभियंता नहीं है। जलापूर्ति विभाग में उपअभियंता का 1 पद रिक्त है। सिचाई विभाग में उपअभियंता के मंजूर 7 में 2 पद रिक्त है। कलमेश्वर में उपअभियंता का पद खाली है। सामान्य प्रशासन विभाग में भिवापुर व मौदा के गटविकास अधिकारी पद रिक्त हैं। जिला ग्रामीण विकास मिशन (डीआरडीए) प्रकल्प संचालक का कारोबार लंबे समय से प्रभारी के भरोसे है। वहीं सहायक प्रकल्प अधिकारी का एक पद रिक्त है।

9 तहसीलों में गटशिक्षाधिकारी नहीं
जिप के शिक्षा विभाग का हाल बेहाल है। प्राथमिक विभाग में दो उपशिक्षाधिकारी के पद मंजूर है, दोनों रिक्त हैं। जिले की 13 गटशिक्षाधिकारी के पदों में से 9 पद रिक्त है। मौदा, काटोल, हिंगना और कलमेश्वर छोड़ बाकी सभी तहसीलों का पदभार अतिरिक्त  गटशिक्षाधिकारी को सौंपा गया है। मुख्याध्यापक ग्रेड-2 के 5 पद मंजूर है। सभी पद रिक्त है। शालेय पोषण आहार अधीक्षक के 15 पद मंजूर है। इसमें से 7 रिक्त है। माध्यमिक शिक्षा विभाग का हाल भी इससे अलग नहीं है। उपशिक्षाधिकारी के 4 पद मंजूर है और 3 रिक्त है। एक ओर निजी स्कूलों  को टक्कर देने स्पर्धा में उतरने की बात की जा रही है, वहीं शिक्षा विभाग को दिशा देने वाले महत्वपूर्ण पदों को भरने में रुचि नहीं है। सेनापति को नजरअंदाज कर सेना के भरोसे जंग जीतने की कवायद किए जाने से जिला परिषद का शिक्षा विभाग लगातार पिछड़ता जा रहा है। साल-दर-साल जिला परिषद स्कूलों में विद्यार्थियों की तेजी से घट रही विद्यार्थी संख्या गुणवत्ता में पिछड़ने का सिलसिला इस बात का प्रमाण है। 

स्वास्थ्य विभाग में प्रथम  श्रेणी के 43 पद रिक्त
रिक्त पदों से स्वास्थ्य विभाग का स्वास्थ्य खराब है। मुख्यालय में अतिरिक्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी व माता बाल संगोपण अधिकारी ग्रेड-वन के 3 पद मंजूर हैं। तीनों पद रिक्त पड़े हैं। स्वास्थ्य अधिकारी, संक्रामक रोग अधिकारी, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी के 3 पद रिक्त है। ग्रेड-2 स्वास्थ्य अधिकारियों के 34 पद रिक्त है। प्रशासकीय सांख्यिकी अधिकारी 2 पद मंजूर है। इसमें से 1 रिक्त है। कुल मिलाकर विभाग में 43 अधिकारियों के पद रिक्त हैं।

Created On :   20 Sep 2018 8:57 AM GMT

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