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ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों में बालरोग विशेषज्ञों का अभाव

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए प्रशासन द्वारा तैयारियां शुरू की गई हैं। इस लहर से बच्चों को अधिक खतरा होने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है। इसे देखते हुए ग्रामीण के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में नए सुधार की दरकार है। जिले की सभी 13 तहसीलों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 10 बेड वाले चाइल्ड कोविड केयर सेंटर शुरू करने की योजना है, लेकिन ग्रामीण के स्वास्थ्य केंद्रों में बालरोग विशेषज्ञ नहीं होने से ठेका पद्धति पर नियुक्ति की जानेवाली है। इन सेंटरों में सामान्य व मध्यम लक्षण वाले बच्चों को ही भर्ती किया जाने वाला है। गंभीर व अति गंभीर लक्षणों वाले मरीजों के इलाज की व्यवस्था नहीं रहेगी। इसलिए उन्हें इलाज के लिए शहर में ही आना पड़ेगा।
13 तहसीलों में 130 बेड की व्यवस्था
कोरोना की तीसरी लहर में 2 से 18 साल के बच्चों को खतरा होने की सूचना दी गई है। इसलिए जिला प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है। ग्रामीण क्षेत्रों में मनुष्यबल, आवश्यक मशीनरी व दवाएं आदि की पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए कुछ दिनों पहले मंत्री सुनील केदार ने भी सूचनाएं दी थी। जिला परिषद के कार्यक्षेत्र में 13 तहसील आती हैं। इनमें एक-एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। इस तरह 13 तहसीलों के सभी केंद्रों पर 10 बेड के चाइल्ड कोविड केयर सेंटर तैयार किए जाने हैं। इस तरह इन केंद्रों में 130 बेड की व्यवस्था करनी है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों के अन्य अस्पतालों में 30 बेड की व्यवस्था की जानी है।
Created On :   25 May 2021 4:25 PM IST