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सिक्योरिटी एजेंसीज में लेडी बॉडी गार्ड्स भी कर रही लोगों की सुरक्षा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पुरुषों के संग कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली महिलाएं भला सिक्युरिटी में पीछे कैसे रह सकती हैं। शहर में गर्ल्स बाउंसर, सिक्योरिटी गार्ड तो हैं, लेकिन कुछ लोग लेडी बॉर्डी गार्ड भी रखते हैं। शहर में लेडी बॉडी गार्ड की संख्या ज्यादा नहीं है, लेेकिन अब इस प्रोफेशन में भी गर्ल्स आगे आ रही हैं। मेट्रो सिटीज की तर्ज पर शहर में भी अब लेडी बॉडी गार्ड के प्राेफेशन में गर्ल्स आगे आ रही हैं। शहर की लेडी बॉडी गार्ड्स से चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि, बॉडी गार्ड का काम उनकी पसंद का काम है। कुछ अलग करने की चाहत ने उनको बॉडी गार्ड बनाया। बॉडी गार्ड बनने की उन्होने ट्रेनिंग भी ली है। शहर की कुछ सिक्योरिटी एजेंसीज हैं, जिनमें लेडी बॉडी गार्ड्स भी हैं। साथ ही कुछ निजी संस्थाएं हैं, जो लेडी बॉडी गार्ड हायर कराती हैं।
बचपन से ली ट्रेनिंग
मैं कराटे एक्सपर्ट हूं। कराटे में ब्लैक बेल्ट भी लिया है। मेरी हाइट हेल्थ भी बढ़िया है। इसलिए घरवाले मुझे हमेशा कुछ अलग करने के लिए कहते थे। जब हम कुछ अलग करते हैं, तभी हमारा नाम होता है। सिक्योरिटी एजेंसी की तरफ से हमें बाहर भी भेजा जाता है। ऐसा नहीं है कि, हम केवल शहर में ही रहते हैं। कॉन्ट्रेक्ट बेसिस पर हमारा काम होता है, इसलिए कभी 2-4 महीने का काम भी होता है। ट्रेनिंग में हमें कुछ सिखाया जाता है। मेरे हिसाब से हर लेडी को अपनी सुरक्षा स्वंय करनी चाहिए। इसके लिए सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग लेना चाहिए। मैंने सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी ली है। साथ ही कराटे में तो मेरी मास्टरी है।
-अंशु सैनी, लेडी बॉडी गार्ड
ज्यादा संख्या नहीं है
अभी शहर में लेडी बॉडी गार्ड बहुत कम हैं। शहर में जितनी भी सिक्योरिटी एजेंसीज हैं, उनमे लगभग 5 या 6 लेडी बॉडी गार्ड हैं। बाउंसर्स की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है, उसी तरह लेडी बॉडी गार्ड की संख्या भी बढ़ने लगी है। इसके लिए गर्ल्स को ट्रेनिंग दी जाती है, ताकि वे अपनी तथा दूसरे की रक्षा करने में परफेक्ट हो जाएं। बॉडी गार्ड का काम दूसरों की रक्षा करना है, इसलिए उनको वैसा ही तैयार किया जाता है। शहर में तो नहीं, लेकिन मेट्रो सिटीज में लेडी बॉडी गार्ड अधिक संख्या में देखी जा सकती हैं। एजेंसीज द्वारा उन्हें बाहर भी भेजा जाता है। इनको कॉन्ट्रेक्ट बेसिस पर रखा जाता है।
-दिलीप चौधरी, सिक्योरिटी एजेंसी
कुछ अलग करने की चाह थी
हमेशा कुछ अलग करने की चाह थी, इसलिए मैंने बॉडी गार्ड का काम चुना। वैसे तो बॉडी गार्ड का काम जेन्ट्स ही करते हैं, लेकिन मैंने बॉडी गार्ड का प्रोफेशन चुना है। पहले मुझे ड्रेस पहनने में भी अजीब लगता था, फिर मैंने सोचा काम तो काम है, इसमें शर्म कैसी। कई बार मैंने महिलाओं को प्रोटेक्ट किया है। मेरे साथ चार गर्ल्स और भी हैं, जो बॉडी गार्ड का काम करती हैं। नागपुर शहर में तो चार या पांच लेडी बॉडी गार्ड हैं। मैं प्रॉपर अमरावती की रहने वाली हूं। सिक्योरिटी एजेंसी के अलावा कुछ निजी संस्थाएं भी बाॅडी गार्ड एलर्ट कराती हैं। कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता है, बॉडी गार्ड का प्रोफेशन मैंने खुद ही चूस किया है।
-कविता राय, लेडी बॉडी गार्ड, अमरावती
Created On :   8 Dec 2018 3:48 PM IST