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जनपद पंचायत की महिला सीईओ को चार साल की सजा, रिश्वत लेते किया गया था गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश ने पांच हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ी गई पाटन जनपद पंचायत की तत्कालीन सीईओ सविता कामले को चार साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपी पर 6 हजार रुपए का अर्थदंड लगाया है।
अभियोजन के अनुसार पाटन निवासी भैयाजी पटेल ने 2 अगस्त 2016 को लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराई कि वह ग्राम पंचायत पोड़ी में ग्राम सचिव के पद पर कार्यरत था। पाटन जनपद पंचायत सीईओ सविता कामले द्वारा पंच परमेश्वर योजना के पांचवे चरण में सीमेंट क्रक्रांकीट सड़क निर्माण की राशि फर्जी रूप से आहरित करने का प्रकरण बनाकर अनुविभागीय मजिस्ट्रेट के समक्ष उसका प्रकरण पेश किया गया था। सीईओ द्वारा प्रकरण को निपटाने के लिए पांच हजार रुपए की मांग की जा रही थी। इसके साथ ही गुरु पिपरिया ग्राम पंचायत में भी सीमेंट सड़क निर्माण के मामले में उससे कमीशन मांगा जा रहा था। 3 अगस्त 2016 को लोकायुक्त की टीम ने जनपद पंचायत सीईओ सविता कामले को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला के तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने पाटन जनपद पंचायत की तत्कालीन सीईओ सविता कामले को चार साल की सजा और 6 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किया।
जिला विपणन अधिकारी और क्षेत्र सहायक को 5-5 साल की सजा
जिला विपणन अधिकारी और क्षेत्र सहायक को 5-5 साल की सजा और 2-2 लाख रुपए अर्थदंड आरोपियों को तीन लाख रुपए रिश्वत लेते लोकायुक्त ने पकड़ा था ।लोकायुक्त के विशेष न्यायाधीश ने तीन लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में तत्कालीन जिला विपणन अधिकारी पीयूष बघेल और क्षेत्र सहायक मिथलेश राय को 5-5 साल के कारावास और 2-2 लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। आरोपियों को लोकायुक्त की टीम ने 3 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।
ये है मामला
अभियोजन के अनुसार 17 फरवरी 2016 को मुकेश कारडा ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक के पास शिकायत दर्ज कराई कि निविदा के अनुसार उसने 2 लाख 32 हजार क्विंटल धान की खरीदी की थी। उसे 14 गोदामों से धान प्राप्त होनी थी। उसने धान खरीदी की राशि जिला विपणन संघ कार्यालय में जमा कर दी थी। 12 गोदामों से उसने पूरी धान उठा ली थी, लेकिन उसे धान कम मिली थी। इसके साथ ही बारदाने भी कम मिले थे। उसने पूरा लेखा प्रस्तुत कर डेढ़ करोड़ रुपए की मांग की थी। इसके लिए आरोपियों द्वारा 12 लाख रुपए की मांग की गई थी।
वह डेढ़ लाख रुपए पीयूष बघेल के कहने पर मिथलेश राय को दे चुका था। 18 फरवरी 2016 को शिकायतकर्ता ने जिला विपणन अधिकारी पीयूष बघेल के कहने पर तीन लाख रुपए मिथलेश राय को दिए, उसने रकम आलमारी में रख दी। तभी लोकायुक्त की टीम ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने जिला विपणन अधिकारी और क्षेत्र सहायक को 5-5 साल के कारावास और दो-दो लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। लोकायुक्त की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रशांत शुक्ला ने पैरवी की।
Created On :   1 Dec 2018 2:12 PM IST