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सफेलकर के बैंक खाते से राजघराने के 4 खातों में लाखों रुपए ट्रांसफर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कामठी के बदमाश रंजीत सफेलकर के बैंक खाते से राजघराने के 4 बैंक खातों में लाखों रुपए ट्रांसफर किए जाने का मामला सामने आया है। इस मामले में शहर की अपराध शाखा पुलिस विभाग ने राजघराने के उन लोगों को सूचना-पत्र भेजा है, जिनके बैंक खातों में रंजीत सफेलकर के बैंक खाते से लाखों रुपए ट्रांसफर हुए हैं।
यह है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार महल स्थित राजघराने के विश्वजीतसिंह क्रिदत्त की मां अंजलि राजे से जुड़ा यह मामला है। विश्वजीतसिंह की मां अंजलि राजे भोसले परिवार की बेटी हैं। यह परिवार मूलत: छत्तीसगढ़ के धमतरी का रहने वाला है। फिलहाल नागपुर में रहता है। विश्वजीतसिंह की मां और तीन मौसी के नाम पर उमरेड रोड पर टेमसना गांव के पास जमीन है। इस जमीन में से 15 एकड़ जमीन बेचने का सौदा कामठी के राकेश गुप्ता, एड. प्रकाश जायस्वाल और दुनेश्वर पेठे के साथ करीब 4 वर्ष पहले लगभग 2 करोड़ रुपए में किया गया था।
तय समय पर पैसे नहीं मिले
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार 6 माह में पैसे देना तय हुआ था, लेकिन पैसे तय समय में नहीं मिले। इस बीच राकेश गुप्ता ने जमीन को लेकर दिलचस्पी कम कर दी। तब राकेश गुप्ता के दोनों साझेदार ने जमीन खरीदने की बात की। कुछ समय बाद विश्वजीत सिंह की मां और तीनों मौसी के बैंक खातों में राकेश गुप्ता के माध्यम से लाखों रुपए ट्रांसफर किए गए। यह रकम रंजीत सफेलकर के बैंक खाते से ट्रांसफर हुई थी।
4 घंटे तक पूछताछ
यह बात राजघराने के लोगों को तब पता चली, जब उन्हें अपराध शाखा पुलिस विभाग के अधिकारियों का सूचना-पत्र मिला कि, रंजीत सफेलकर के बैंक खाते से उनके बैंक खातों में लाखों रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। अपराध शाखा पुलिस विभाग का सूचना पत्र मिलने के बाद विश्वजीतसिंह क्रिदत्त गिट्टीखदान स्थित अपराध शाखा कार्यालय में पहुंचे। करीब 4 घंटे तक उनसे इस बारे में पूछताछ की गई। उन्होंने बताया कि, अपराध शाखा पुलिस विभाग का पत्र मिलने के बाद अपने स्तर पर छानबीन की तो पता चला कि, राकेश गुप्ता, रंजीत सफेलकर का फाइनेंशियल पार्टनर है। हालांकि, क्रिदत्त परिवार का कहना था कि, उन्हें यह पता नहीं चल पाया है कि, रंजीत सफेलकर के बैंक खाते से लाखों रुपए ट्रांसफर हुए या नहीं, लेकिन पुलिस ने सूचना-पत्र दिया है, तो उसमें सच्चाई हो सकती है।
3 माह तक पता ही नहीं चला था
विश्वजीतसिंह क्रिदत्त का कहना है कि, राकेश गुप्ता उनके चारों खातों में पैसा जमा करने वाला है। उसने पैसे जमा किए। तीन माह तक हमें यह पता नहीं चल पाया कि, उसने कितने पैसे जमा किए। इस बीच पुलिस का सूचना पत्र जो हमें मिला, उसमें इस बात का जिक्र है कि, अगस्त 2018 में रंजीत सफेलकर के खाते से लाखों रुपए ट्रांसफर किए गए, लेकिन यह बात हमें नहीं पता थी कि, राकेश गुप्ता ने किसके खाते से वह पैसे डलवाए थे। अब पुलिस का कहना यह है कि, गलत मार्ग से कमाकर पैसे आप लोगों के बैंक खाते में राकेश गुप्ता के माध्यम से पैसे डलवाए गए हैं। पुलिस ने क्रिदत्त से कहा कि, जरूरत पड़ी तो यह पैसे आपको वापस करना पड़ेंगे। इस पर क्रिदत्त ने कहा- हमारी मां साहब ने कहा है कि ठीक है, हम वापस कर देंगे।
पुलिस कहती है तो पैसे वापस देंगे
अपराध शाखा पुलिस विभाग ने जो भी पूछताछ की है, उसका जबाब दे दिया है। बाकी हमारे अधिवक्ता की ओर से लिखित जबाब दिया जाएगा। रंजीत सफेलकर से हमने जमीन का कोई भी सौदा कभी नहीं किया है। रंजीत सफेलकर से हमारा किसी भी प्रकार का कोई लेन-देन का संबंध नहीं है। उनके बैंक खाते से हमारे बैंक खातों में लाखों रुपए ट्रांसफर किए गए हैं, यह बात हमें पुलिस का सूचना-पत्र मिलने के बाद ही पता चला है। अगर पुलिस कहती है कि ट्रांसफर की गई उक्त रकम वापस करनी पड़ेगी तो, इसके लिए हम तैयार हैं। हमारे बैंक खाते को पुलिस भी चेक कर सकती है। हम लोग टैक्स भरने वाले लोग हैं। हमने राकेश गुप्ता, एड प्रकाश जैस्वाल और दुनेश्वर पेठे से जमीन बेचने का सौदा किया था। यह लोग थोड़े-थोड़े पैसे दिया करते थे। -विश्वजीतसिंह क्रिदत्त, महल (राजघराना परिवार)
हां, सूचना-पत्र भेजा गया था
हां, इस प्रकरण से संबद्ध लोगों के नाम सूचना पत्र भेजा गया था। विश्वजीतसिंह क्रिदत्त कार्यालय में आए थे, पूछताछ में उन्होंने पुलिस का पूरा सहयोग किया है । -गजानन राजमाने, पुलिस उपायुक्त, अपराध शाखा पुलिस विभाग, नागपुर, शहर
इसलिए हम चिंतित हुए
सूत्रों के अनुसार, विश्वजीतसिंह की मां साहब नागपुर, कोल्हापुर, अहमदाबाद में रहनेवाली मौसी और रायपुर में रहनेवाले रितिक के बैंक खाते में पैसे डाले गए हैं। अपराध शाखा पुलिस विभाग के सहायक पुलिस आयुक्त नलावड़े व पुलिस अधिकारी पवार ने भी इस बारे में पत्र भेजा है। पुलिस ने ही बताया कि रंजीत के खाते से पैसे ट्रांसफर हुए हैं। जिस जमीन का सौदा हुआ उसका पूरा पैसा ही नहीं मिला। उस जमीन पर अभी भी हमारा कब्जा है। मामला हमारे परिवार की महिलाओं से जुड़ा होने के कारण हम चितिंत हाे गए थे।
Created On :   24 May 2021 1:05 PM IST