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स्कॉलरशिप पाने लाखों विद्यार्थी, लेकिन लाभ 5 प्रतिशत को भी नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर । जिला समाज कल्याण विभाग की ओर से अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए विभिन्न छात्रवृत्ति योजनाएं लागू की जाती हैं। विशेषकर अनुसूचित जाति छात्रवृत्ति के लिए पात्र छात्र 1 लाख से अधिक है, लेकिन लाभान्वित विद्यार्थियों की संख्या उंगली पर गिनने लायक है। शिक्षा एवं जिला समाज कल्याण विभाग द्वारा गंभीरता नहीं बरतने के कारण लाखों छात्र छात्रवृत्ति से वंचित हैं। लाभार्थियो की संख्या दिन-प्रतिदिन घटती जा रही है।
ये हैं योजनाएं : कक्षा 5वीं से 10वीं तक की लड़कियों के लिए सावित्रीबाई छात्रवृत्ति, 9वीं से 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति, 5वीं से 10वीं कक्षा के छात्रों के लिए गुणवत्ता छात्रवृत्ति योजना और 10वीं कक्षा के छात्रों को परीक्षा शुल्क वापस करने योजना चलाई जाती है। जिले में प्राथमिक सभी अनुदानित, बिना अनुदानित और स्थाई बिना अनुदानित सहित 4,060 स्कूलों में 9 लाख से अधिक और माध्यमिक के 1,088 स्कूलों में 5 लाख से ज्यादा विद्यार्थी हैं।
2015-16 के मुकाबले घटी लाभार्थियों की संख्या : प्राप्त जानकारी के अनुसार सावित्रीबाई फुले योजना के अंतर्गत सावित्रीबाई फुले प्राथमिक छात्रवृत्ति योजना 2015-16 में 23660, 2016-17 में 14424, 2017-18 में 11199, 2018-19 में 7081, 2019-20 में 6179, 2020-21 में 3572 आवेदन प्राप्त हुए और उनका निराकरण किया गया। माध्यमिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 2015-16 में 12776, 2016-17 में 13191, 2017-18 में 11021, 2018-19 में 7623, 2019-20 में 6791, 2020-21 में 4245 आवेदन प्राप्त हुए और उनका निराकरण किया गया। 9वीं व 10वीं के विद्यार्थियों के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 2018-19 में 2320, 2019-20 में 1626, 2020-21 में 1983 आवेदन प्राप्त हुए और 2020-21 को छोड़कर शेष 2018-19 व 2019-20 आवेदनों का निराकरण किया गया। 5वीं व 10वीं के विद्यार्थियो के लिए गुणवत्ता छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 2018-19 में 2464, 2019-20 में 1896, 2020-21 में 1291 आवेदन प्राप्त हुए और उनका निराकरण किया गया। 10वीं के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा शुल्क वापस करने की योजना अंतर्गत 2018-19 में 4887, 2019-20 में 3889, 2020-21 में 2392 अावेदन प्राप्त हुए और उनका निराकरण किया गया।
स्कूल प्रशासन कर रहा अादेशों की अनदेखी : प्रदेश में छात्रवृत्ति के पात्र छात्रों के बैंक खाते खोले गए हैं, लेकिन स्कूल प्रशासन ने छात्रवृत्ति के लिए पात्र छात्रों के आवेदन पत्र भरकर समाज कल्याण विभाग को नहीं भेजे हैं। स्कूल प्रशासन समाज कल्याण विभाग के साथ-साथ शिक्षा विभाग के आदेशों की पूरी तरह से अनदेखी कर रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा हर स्कूल के लिए समय पर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन जमा करना अनिवार्य किया जाना चाहिए, ताकि छात्रों को न्याय मिले। साथ ही दोषी स्कूल प्रशासन के साथ ही शिक्षा और समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अभिभावकों को स्कूल प्रशासन और समाज कल्याण विभाग द्वारा योजनाओं की जानकारी नहीं दी जाती, जिसके चलते विद्यार्थी लाभ से वंचित हो रहे हैं। -आशीष फुलझेले सदस्य, मानव अधिकार संरक्षण मंच
Created On :   30 July 2021 2:12 PM IST