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एसटीपी का आरक्षण रद्द होने के बाद ले-आउट डालकर बेची गई जमीन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शव लेकर वाठोड़ा के नागरिक मनपा के द्वार पहुंचने से साई क्रीड़ा संकुल को आवंटित जमीन विवाद में फंसती जा रही है। दरअसल यह जमीन पहले सीवरेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए अधिगृहीत की गई थी। वर्ष 1996 में आरक्षण रद्द कर दिया गया। इस बीच, प्रॉपर्टी डीलरों ने किसानों से जमीन खरीदी के दस्तावेज बनाकर ले-आउट डाले और प्लॉट बनाकर बेंच दिए। लोगों ने प्लाॅट पर मकान बनाकर करीब 15 वर्ष से रह रहे हैं।
साई क्रीड़ा संकुल को वर्ष 2014 में आवंटन
वर्ष 2014 में साई क्रीड़ा संकुल के लिए 84 एकड़ जमीन आवंटित की गई। नागरिकों को जमीन का कब्जा छोड़ने के नोटिस जारी किए गए। क्रीड़ा संकुल की सुरक्षा दीवार का काम भी शुरू कर दिया गया। इसका नागरिकाें ने कड़ा विरोध किया। तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले के पास मामला पहुंचा। उन्होंने इस विषय पर चर्चा के लिए 16 दिसंबर 2020 को मुंबई में बैठक बुलाई। नागरिकों का पक्ष सुनने के बाद सुरक्षा दीवार के निर्माणकार्य पर अस्थायी रोक लगा दी गई। प्रशासन से प्लॉट धारकों के दस्तावेजों की छानबीन करने के बाद उचित निर्णय लेने का तय हुआ। बैठक में पालकमंत्री डॉ. नितीन राऊत, नगर विकास विभाग के प्रिंसिपल सेक्रेटरी, मनपा आयुक्त, जिलाधिकारी आदि उपस्थित थे।
मकान तोड़ने के आदेश से मची खलबली
सोमवार को महापौर ने अधिकारियों की बैठक में क्रीड़ा संकुल की जमीन पर बसे मकान तोड़ने व विरोध करने पर पुलिस में मामले दर्ज करने के आदेश दिए। यह बात पता चलने पर बस्ती के नागरिक दहशत में आ गए। गिरीश वर्मा की दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। नागरिकों ने आरोप लगाया कि मकान टूटने की बात पता चलने से उन्हें दिल का दौरा पड़ा। मृतक के परिजनों के साथ बस्ती के लोग शव लेकर मनपा के द्वार पहुंच गए। देर रात तक महापौर के िखलाफ नारेबाजी कर डटे रहे। नागरिकों का आरोप है कि मुंबई की बैठक में जो तय हुआ, उसे नजरअंदाज कर मनपा उन्हें हटाने के लिए मनमानी कर रही है।
Created On :   11 Feb 2021 3:20 PM IST