अंतिम दिन भी कैश काउंटर तक नहीं पहुंचा टैक्स , चुनावी प्रक्रिया से पिछड़ी मनपा

Last day of making a tax payment,tax not reached to cash counter
अंतिम दिन भी कैश काउंटर तक नहीं पहुंचा टैक्स , चुनावी प्रक्रिया से पिछड़ी मनपा
अंतिम दिन भी कैश काउंटर तक नहीं पहुंचा टैक्स , चुनावी प्रक्रिया से पिछड़ी मनपा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 31 मार्च को रविवार होने के बावजूद रात 8 बजे तक मनपा में कैश काउंटर खुले रहे, लेकिन नागरिकों में टैक्स जमा करने के प्रति इच्छाशक्ति देखने को नहीं मिली।  कर जमा करने का रविवार को अंतिम दिन था। बहुत सारे नागरिकों ने बिल और कर का भुगतान चेक के द्वारा किया, जिससे कितना राजस्व मिला इसका सही आंकड़ा स्पष्ट नहीं हो पाया। मनपा ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में 2946 करोड़ रुपए का भारी भरकम बजट प्रस्तुत किया था, लेकिन आंकड़ों के अनुसार वसूली नहीं हो पाई। संपत्ति कर के अलावा दूसरे नंबर पर जल कर रहा।

हालात बहुत अच्छे नहीं
मनपा ने एक बड़ा टारगेट लिया था, जिसे अमल में लाने में वह नाकाम रही। देर रात तक बैंक खातों में कुल जमा को लेकर जोड़-घटना चलता रहा। वहीं बिल और कर भरने के लिए दिए गए चेक भी बाउंस होने की आशंका बनी रहती है, जो 2-4 दिन बाद ही स्पष्ट हो पाते हैं। असल में मनपा की तिजोरी में कितने रुपए जमा हुए, यह 31 मार्च को लोगों के रुझान ने स्पष्ट कर दिए हैं कि हालात बहुत अच्छे नहीं हैं। मनपा आयुक्त ने भी बजट में कैंची लगाई थी, इसके बाद भी सुधार देखने को नहीं मिला। एक ओर मनपा संपत्ति कर जमा करवाने के लिए अतिरिक्त स्टॉफ लगाने वाली थी, दूसरी ओर आचार संहिता के कारण उसके खुद के कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी में लगा िदया गया। इससे ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कर जमा करने वालों का रुझान कम रहा होगा।

 बजट में निर्धारित था यह लक्ष्य

  •  संपत्तिकर- 509 करोड़
  •  पानी- 180 करोड़ 
  •  बाजार- 12.15 करोड़
  •  विज्ञापन- 7 करोड़ रुपए

यहां तक पहुंच सकी मनपा
संपत्ति कर इस साल 200 करोड़ रुपए के पार जाने की संभावना जताई जा रही है। पिछली बार अंतिम दिन में 5 से 6 करोड़ रुपए जमा किए गए थे, देर रात तक 31 मार्च को जमा हुई राशि स्पष्ट नहीं हो सकी। पानी कर में इस साल 137.40 करोड़ रुपए जमा किए गए, जबकि कयास लगाए जा रहे हैं कि चेक से होने वाले भुगतान से यह करीब 140 करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगी। बाजार विभाग में 31 मार्च को करीब 42 लाख रुपए जमा किए गए, जिससे उसकी कुल आय 9.02 करोड़ रुपए होने की संभावना जताई जा रही है।
विज्ञापन विभाग में सहायक आयुक्त के अलावा अन्य कोई कर्मचारी नहीं था। इस विभाग में करीब 7 करोड़ रुपए वसूलने का दावा किया जा रहा है। स्थिति जल्द ही स्पष्ट हो जाएगी।
नगर रचना विभाग में 87 करोड़ रुपए के करीब राजस्व जमा किया गया।
 

Created On :   1 April 2019 7:02 AM GMT

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