एमएसपी की जिद अनुचित, किसान हित में है कानून

Law on MSPs insistence in unfair farmer interest
एमएसपी की जिद अनुचित, किसान हित में है कानून
एमएसपी की जिद अनुचित, किसान हित में है कानून

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कृषि विकास व किसान हित में कार्य करने वाले शेतकरी संगठन ने केंद्र सरकार के नए कृषि सुधार कानून का समर्थन किया है। संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष ललित पाटील ने कहा है कि, एमएसपी अर्थात कृषि उपज के समर्थन मूल्य को लेकर विरोधियों की जिद अनुचित है। नया कृषि कानून किसान हित में है। लिहाजा उसे वापस लेने की कोई आवश्यकता नहीं है। 

बाजार में उतार-चढ़ाव का जोखिम सहना होगा
पाटील ने बताया कि, किसान आंदोलन को लेकर उच्चतम न्यायालय ने स्थापित की समिति के सामने बुधवार को शेतकरी संगठन ने नए कृषि कानून के समर्थन में प्रस्तुतिकरण दिया है। जानेमाने किसान नेता शरद जोशी के नेतृत्व में बने शेतकरी संगठन को कृषि मामले में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। पाटील ने पत्रकार वार्ता में कहा कि एसएसपी की मांग अनुचित है। कृषि,व्यवसाय है तो बाजार के उतार चढ़ाव का जोखिम सहना होगा। गेंहू, चावल, कपास को एमएसपी दिया जाता रहा है, लेकिन सरकार ने उत्पादन खर्च व किसानों के लाभ के आधार पर यह एमएसपी नहीं दिया। अलग-अलग फसलों का उत्पादन लेने किसानों ने आत्महत्याएं की। 

अनावश्यक सेस नहीं देना होगा
फिलहाल कृषि बाजार समिति के एकाधिकार को समाप्त किया जा रहा है। नए कानून के तहत किसानों के लिए व्यापार सुलभ होगा। अनावश्यक सेस नहीं देना होगा। देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व की राज्य सरकार के समय एमएसपी की अनिवार्यता की गई थी। तब व्यापारियों ने कृषि माल नहीं खरीदा। लिहाजा 3 दिन में फडणवीस को निर्णय बदलना पड़ा था।

 

Created On :   5 Feb 2021 9:49 AM GMT

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