विधान परिषद राज्यपाल मनोनीत सीट:  हाईकोर्ट में पहले से दायर हैं दो याचिकाएं

Legislative Council Governor nominated seat: Two petitions are already filed in the High Court
विधान परिषद राज्यपाल मनोनीत सीट:  हाईकोर्ट में पहले से दायर हैं दो याचिकाएं
विधान परिषद राज्यपाल मनोनीत सीट:  हाईकोर्ट में पहले से दायर हैं दो याचिकाएं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानपरिषद की राज्यपाल मनोनीत 12 सीटों पर नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार द्वारा गोपनीयता बरते जाने पर इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने वाले याचिकार्ताओं को एतराज हैं। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में बंद लिफाफे में इन लोगों के नाम मुख्यमंत्री को सौपे जाने पर दोनों याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई है। सोमवार को इस मामले को अदालत के सामने रखा जाएगा। 

याचिकाकर्ताओ ने दावा किया है कि बंद लिफाफे में जिन लोग के नामों की सिफारिश की गई है, उन नामों का सार्वजनिक किया जाना अपेक्षित है। याचिकार्ताओं ने कहा है कि सोमवार को वे हाईकोर्ट में इस विषय पर तत्काल सुनवाई के लिए आग्रह करेंगे।सामाजिक कार्यकर्ता शिवाजी पाटिल व दिलीप राव अवाले ने अधिवक्ता सतीश तलेकर के माध्यम से कोर्ट से इस मामले में तत्काल सुनवाई के लिए निवेदन करेंगे। इसके लिए कोर्ट में एक आवेदन भी दायर किया जाएगा। 
याचिका में दावा किया गया है संविधान में किए गए प्रावधान के तहत राज्यपाल के पास विधानपरिषद में 12 सीटों पर साहित्य, कला, विज्ञान, सहकारिता व समाज सेवा के क्षेत्र में विशेष ज्ञान व अनुभव रखने वालों को मनोनीत करने का अधिकार है लेकिन हर बार सिर्फ राजनीतिक जगत से जुड़े लोगों की इन 12 सीटों पर नियुक्ति की जाती है। याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से कोर्ट को आश्वस्त किया गया था कि 12 सीटों पर जिन लोगों के नामों कि सिफारिश की जाएगी, इसकी जानकारी याचिकाकर्ताओं को दी जाएगी। याचिकाकर्ताओं ने आग्रह किया था कि जिन नामों की सिफारिश की जाएगी, उनका खुलासा किया जाना चाहिए। फिर भी मुख्यमंत्री को बंद लिफाफे में यह नाम दिए गए हैं। 

याचिका के मुताबिक राज्यपाल को 12 सीटों पर विभिन्न क्षेत्रो के लोगों की नियुक्त करने का अधिकार देने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि इन लोगों के विशेष ज्ञान का लाभ सदन को मिल सके। लेकिन पिछले कई दशकों से कुछ अपवादों को छोड़ दे तो सिर्फ राजनीतिक जगत से जुड़े लोगों की नियुक्ति इन सीटों पर हो रही है। याचिका के अनुसार जनता के द्वारा चुने जाने वाले उम्मीदवारों को जैसे अपनी संपत्ति व आपराधिक मामलों की जानकारी देना जरूरी होता है वैसे इन 12 सीटों पर मनोनीत होनेवाले उम्मीदवारों के लिए यह जानकारी देना आवश्यक नहीं होता है। इन सीटों की नियुक्ति प्रक्रिया बिल्कुल भी पारदर्शी नहीं होती है। इसलिए इन सीटों से जुड़ा उद्देश्य प्रभावित होता है। ऐसे जिन लोगों के नामों की सिफारिश 12 सीटो के लिए की जाती है। उनकी छानबीन उच्चाधिकार कमेटी से कराई जाए। इसके बाद ये नाम राज्यपाल के पास भेजा जाए। याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा है कि उन्होंने ने 12 सीटो पर नियुक्ति के लिए इच्छुक लोगों की आपराधिक पृष्ठभूमि व चरित्र को लेकर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी थी लेकिन अब तक उन्हें इस बारे में सूचना नहीं दी गई है। 

Created On :   31 Oct 2020 5:52 PM IST

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