नागपुर शहर में घूम रहा तेंदुआ नहीं लग रहा दल के हाथ, कर रहा शिकार

Leopard roaming in Nagpur city does not seem to be in the hands of the team, hunting
नागपुर शहर में घूम रहा तेंदुआ नहीं लग रहा दल के हाथ, कर रहा शिकार
नागपुर शहर में घूम रहा तेंदुआ नहीं लग रहा दल के हाथ, कर रहा शिकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में घुस आए तेंदुए की तलाश में लगे दल को पहला सुराग हाथ लगा। मंगलवार दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर दल ने कृषि तालुका परिसर में मरा हुआ सुअर देखा। इससे उसकी उपस्थिति को और बल मिला। परिसर में पिंजरा ट्रैप लगाया गया। उसमें मरे हुए सुअर का शेष भाग रखा गया है।  

अभी तक की स्थिति
अभी तक उसके पदचिह्न (फुट मार्क) नहीं मिले हैं। 28 मई की रात को जब तेंदुए को एक कंपनी के गार्ड ने देखा था, उसके बाद उस वॉल तक ही डॉग सर्च कर पा रहा था। 31 मई को भी नाले के किनारे-किनारे से होकर पानी के पास से ही वापस आ गया। पदचिह्न (फुट मार्क) मिलने से तेंदुए को ढूंढने में आसानी हो जाएगी। 

नागनदी से होकर गुजरने का अंदेशा
जानकारों का कहना है कि तेंदुआ नागनदी से होकर गुजर रहा है। वाइल्ड लाइफ एडवाइजरी बोर्ड मेम्बर कुंदन हाते ने बताया-उसने नागनदी को इसलिए प्रिफर किया है, क्योंकि वहां कोई डिस्टर्बेंस नहीं है। तेंदुआ 8 से 10 दिन तक भूखा रह सकता है, पर पहले सबूत के तौर पर मरा सुअर मिला है। उसकी टोह लेने के लिए 30 से 35 कैमरा ट्रैप अंबाझरी से महाराजबाग तक लगाए गए हैं।  

रोड क्रास नहीं कर सकता
हमने यह नोटिस किया है कि वो इंसानों पर अटैक नहीं कर रहा है। इसकी ब्रीडिंग संभवत: गोरेवाड़ा में हुई है। तेंदुआ गोरेवाड़ा से आया है, इसलिए कहा जा सकता है, क्योंकि वो अमरावती रोड क्रॉस नहीं कर सकता है। अंदर ही नाले से वो यहां तक पहुंचा है।  

सावधानी से रहें
कुछ एरिया में हमने सूचना दी है कि शाम को 7 बजे के बाद घरों से नहीं निकले। गायत्री नगर, अंबाझरी और शहर के सुनसान  इलाकों में भी अकेले न जाएं।  तेंदुए को ढूंढने में पूरी टीम लगी है। डॉग स्क्वॉड भी लगाए गए हैं। हमारे पास सर्चिंग के लिए एक ही फीमेल डॉग है। इसकी ट्रेनिंग गुजरात में हुई है। इस डॉग की कुछ लिमिटेशन है। हिंट तो कराता है, लेकिन जल्दी ही थक जाता है। हमारे पास जो सर्चिंग डॉग है, उसे 2-3 घंटे ही काम कराते है,क्योंकि वह फीमेल डॉग है और रिटायरमेंट स्टेज पर है। -कुंदन हाते, सदस्य, वाइल्ड लाइफ एडवाइजरी बोर्ड   

रास्ता भटक गया है
मंगलवार को जब जानकारी मिली कि कृषि तालुका परिसर में तेंदुए ने सुअर का शिकार किया है, तो हमारी टीम वहां पहुंच गई। इसके पहले सुबह से मोरभवन के पास का नाले में सर्चिंग चालू थी। पहले हमें लगा कि तेंदुए के फुट मार्क हैं, लेकिन वो तेंदुए के नहीं थे। कृषि तालुका परिसर में हमने ट्रैप लगाया है। इस ट्रैप में तेंदुएं द्वारा शिकार किए सुअर को रखा है। कृषि तालुका परिसर के 100 से 150 मीटर दूरी पर और भी ट्रैप लगाने वाले हैं। 31 मई को 6 स्थानों पर ट्रैप लगाए गए थे। एक बात तो साफ समझ में आ रही है कि वो इंसानों को अवॉइड कर रहा है। संभवत: किसी शिकार की तलाश में शहर में घुस गया और अब रास्ता भटक गया है। तेंदुआ अंबाझरी या गोरेवाड़ा का भी हो सकता है।
-अनिरुद्ध खड़से, इंचार्ज, आरएफओ रेस्क्यू सेंटर

2 शावकों के साथ दिखी बाघिन
संवाददाता, उमरेड. वनपरिक्षेत्र उमरेड के भिवापुर तहसील अंतर्गत चिखलापार में मंगलवार सुबह  6.30 बजे  खेत में काम पर जा रहे मजदूरों को 2 शावकों के साथ बाघिन दिखी। दक्षिण उमरेड  वनपरिक्षेत्र की आरएफओ वैष्णवी झरे टीम को लेकर  घटनास्थल पर पहुंची। भीड़ को  हटाकर बाघिन और उसके शावकों को रास्ता दिया गया।  बाघिन जंगल की ओर निकल गई।  


 

Created On :   2 Jun 2021 4:36 AM GMT

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