इन जंगलों में लेपर्ड सवारी का अब ले सकेंगे आनंद, मिली हरी झंडी

Lepard safari start for tourists and wildlife lovers in nagpur
इन जंगलों में लेपर्ड सवारी का अब ले सकेंगे आनंद, मिली हरी झंडी
इन जंगलों में लेपर्ड सवारी का अब ले सकेंगे आनंद, मिली हरी झंडी

डिजिटल डेस्क,नागपुर। राज्य में फारेस्ट घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों व वन्यजीव प्रेमियों के लिए लेपर्ड सफारी शुरू की जा रही है। राज्य में चंद्रपुर, अमरावती, जुन्नार व मुंबई में इसके लिए हरी झंडी मिल गई है। उल्लेखनीय है राज्य के जंगलों में बड़ी संख्या में तेंदुए भी हैं इसलिए वन विभाग ने संबंधित पहल करते हुए वन मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा था। पर्यटकों और फारेस्ट दोनों के लिए फायदेमंद साबित होने वाले इस प्रस्ताव को जल्दी मंजूरी मिल गई।

पर्यटन को बढ़ावा देने बढ़ाया कदम
राज्य में 6 व्याघ्र प्रकल्प हैं-मेडघाट, ताड़ोबा अंधारी, पेंच, सह्याद्रि, बोर, नवेगांव-नागझिरा। इन सभी जंगलों में बाघ के साथ लेपर्ड भी बड़ी संख्या में हैं। वैसे यहां टाइगर सफारी पहले से शुरू की गई है और प्रतिसाद भी अच्छा मिल रहा है। इन जंगलों में अक्सर लेपर्ड दिखाई देते हैं पर्यटकों यदि बाघ के दर्शन नहीं हुए तो वे लेपर्ड को देखने के बाद संतुष्ट हो जाते हैं इसलिए पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वन विभाग ने लेपर्ड सफारी शुरू करने का फैसला किया और प्रस्ताव वन मंत्रालय को भेजा। पर्यटन को बढ़ावा देने के ख्याल से आए प्रस्ताव को मंत्रालय ने शीघ्र ही मंजूर कर लिया।

पर्यटकों की सुरक्षा भी किए इंतजाम
इससे जुड़े अधिकारियों ने बताया कि निर्धारित जगह पर दीवारनुमा जाली लगाई जाएगी। पर्यटकों की सुरक्षा के लिए ऐसा इंतजाम किया जाएगा।  जालियों के ऊपर एंगल भी लगाए जाएंगे, ताकि लेपर्ड बाहर नहीं आ सकें। लेपर्ड का हमला बड़ा ही खतरनाक होता है। 

बाघ से भी फुर्तीला होता है तेेंदुआ
सुरक्षा का यह इंतजाम इसलिए खास है, क्योंकि लेपर्ड बाघ से काफी फुर्तीला होता है और शिकार को छिपकर मारता है। इसलिए इसे ‘साइलेंट किलर’ के तौर पर जाना जाता है। इसकी देखने और सुनने की क्षमता बहुत अधिक होती है। हालांकि शिकारियों के डर से यह ज्यादातर समय पेड़ों पर ही बिता देता है। लेपर्ड सफारी के माध्यम से वन विभाग को अच्छा खासा राजस्व मिलने की उम्मीद है।

Created On :   23 March 2018 6:21 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story