हत्या के तीन आरोपियों की उम्र कैद बरकरार, अगस्त 1991 को हुई थी हत्या

Life imprisoned for 3 accused in murder case,murder was done 1991
हत्या के तीन आरोपियों की उम्र कैद बरकरार, अगस्त 1991 को हुई थी हत्या
हत्या के तीन आरोपियों की उम्र कैद बरकरार, अगस्त 1991 को हुई थी हत्या

डिजिटल डेस्क,जबलपुर । हाईकोर्ट ने गोराबाजार धोबीघाट में 28 साल पहले हुए लखन यादव हत्याकांड के तीन आरोपियों की उम्र कैद की सजा बरकरार रखी है। जस्टिस एचजी रमेश और जस्टिस बीके श्रीवास्तव की युगल पीठ ने जमानत पर बाहर तीनों आरोपियों को 15 दिन के भीतर पुलिस के समक्ष सरेंडर करने का आदेश दिया है। 

21 अगस्त 1991 को हुई थी हत्या

अभियोजन के अनुसार धोबीघाट गोराबाजार निवासी लखन यादव का खेत में जाने के लिए सरकारी जमीन से सड़क बनाने को लेकर आरोपियों से विवाद चल रहा था। 21 अगस्त 1991 को लखन यादव जब अपनी स्कूटर से जा रहा था, तभी रास्ते में रोककर मानसिंह यादव, रमेश यादव और अशोक यादव ने तलवार मारकर लखन यादव की हत्या कर दी थी। आरोपियों ने मृतक की गर्दन को धड़ से अलग कर दिया था। पुलिस ने इस मामले में गुलाबचंद्र यादव और विश्वनाथ यादव को भी साजिश रचने के मामले में आरोपी बनाया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश टीपी शर्मा ने 29 नवंबर 1994 को मानसिंह यादव, रमेश यादव और अशोक यादव को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। गुलाबचंद्र यादव और विश्वनाथ यादव को दोषमुक्त कर दिया गया था।

तीनों आरोपियों ने हाईकोर्ट में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ अपील दायर की थी। हाईकोर्ट ने अपील को सुनवाई के लिए मंजूर करते हुए जमानत दे दी थी। मृतक की ओर से महेन्द्र यादव और राकेश यादव ने अधिवक्ता अहादुल्ला उस्मानी के माध्यम से आपत्ति पेश की। उन्होंने कहा कि इस घटना में दो चश्मदीद गवाह है। दोनों ने ही घटना का समर्थन किया है। ऐसे में आरोपियों की सजा बरकरार रखी जाना चाहिए। शासकीय अधिवक्ता शमीम अहमद ने तर्क दिया कि आरोपियों ने नृंशस तरीके से हत्या की है। ऐसे में आरोपियों को सुनाई गई कठोर सजा उचित है। सुनवाई के बाद युगल पीठ ने आरोपियों को सुनाई गई उम्र कैद की सजा बरकरार रखी है।
 

 

 

Created On :   12 April 2019 7:58 AM GMT

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