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हत्या मामले में पिता और दो पुत्रों को आजीवन कारावास

डिजिटल डेस्क, अमरावती। वरुड़ तहसील के बेनोडा थाना क्षेत्र के जामगांव में वर्ष 2014 में घटित प्रमोद वानखडे नामक व्यक्ति के हत्याकांड प्रकरण में स्थानीय जिला न्यायाधीश (1) एस.एस. अडकर की अदालत ने आरोपी पिता-पुत्रों को बुधवार 13 अप्रैल को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जानकारी के मुताबिक सजा सुनाए गए आरोपियों के नाम जामगांव निवासी रवींद्र भीमराव पांडे (60), आशीष रवींद्र पांडे (36) और वैभव रवींद्र पांडे (34) है। बताया जाता है कि जामगांव में रहने वाले प्रमोद वानखड़े (53) व रवींद्र पांडे (60) का एक-दूसरे से सटकर घर है। उनके बीच घटना के पूर्व काफी दिनों से आपसी दुश्मनी थी। इसी दुश्मनी के चलते 22 नवंबर 2014 को सुबह 10 बजे संगीता वानखड़े और पड़ोस में रहने वाली राजकन्या वानखड़े दोनों बाहर जाने के लिए घर के सामने प्रांगण में खड़े थे। तभी संगीता का पति प्रमोद घर से दोपहिया बाहर निकाल रहा था।
वह बूट पहनने के लिए घर में गया तभी पड़ोस में रहने वाला रवींद्र पांडे अपने दोनों बेटे आशीष पांडे व वैभव पांडे के साथ प्रमोद वानखडे़ के घर के सामने पहंुचा और उसके साथ गालीगलौज कर पिता-पुत्र को घर के बाहर निकलने की चेतावनी देने लगे। तब प्रमोद के घर से बाहर निकलते ही वैभव पांडे ने उससे विवाद कर आंखों में मिर्ची पाउडर फेंक दिया। पश्चात तीनों पिता पुत्र ने उसे लाठी से बेहोश होने तक बेदम पीटा। घटना के समय संगीता व उसकी 17 वर्षीय बेटी बीचबचाव करने का प्रयास कर रही थी तभी रवींद्र की पत्नी ने वहां आकर अपने पति और बेटो को उकसाकर सभी को मार डालने कहा। इस पर वैभव पांडे ने लाठी से संगीता को और रवींद्र ने संगीता की बेटी के साथ भी मारपीट की। घटना में प्रमोद वानखड़े गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे पहले वरुड़ के सरकारी अस्पताल के बाद नागपुर मेडिकल काॅलेज रेफर किया गया। जहां उपचार के दौरान 24 नवंबर को उसकी मृत्यु हो गई। मृतक की पत्नी संगीता वानखड़े की शिकायत पर बेनोड़ा पुलिस ने पहले धारा 324, 307, 34 के तहत मामला दर्ज किया था। लेकिन प्रमोद की मृत्यु के बाद धारा 302, 34 लगाई गई।
प्रकरण की जांच के बाद चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई। जिला न्यायाधीश (1) एस.एस. अडकर की अदालत में चली सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अतिरिक्त सरकारी वकील दीपक आंबलकर ने कुल 10 गवाहों को परखा। बुधवार को दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने आरोपी रवींद्र पांडे, उसके बेटे आशीष पांडे व वैभव पांडे को दोषी करार देते हुए धारा 302, 34 के तहत आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना, अन्यथा एक वर्ष अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। इसी तरह धारा 324, 34 के तहत एक माह कारावास व 3 हजार रुपए जुर्माना अन्यथा 7 दिन अतिरिक्त कारावास, 506, 34 के तहत एक वर्ष कारावास व 5 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना अदा न करने पर 1 माह अतिरिक्त काारावास की सजा सुनाई। प्रकरण में रवींद्र पांडे की पत्नी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया। जुर्माने की रकम में से 10 हजार रुपए शिकायतकर्ता संगीता वानखड़े को नुकसान भरपाई के रूप में देने के आदेश भी अदालत ने दिए।
Created On :   14 April 2022 2:54 PM IST