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सरकारी गोडाउन से शराब विक्रेता अब ऑनलाइन ही ले सकेंगे शराब, केवल ई-वालेट से होगा भुगतान

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में ई आबकारी पोर्टल पर अब विदेशी शराब का भाण्डागार (गोडाउन) लाईव कर दिये गये है। इस व्यवस्था से अब सरकारी गोडाउन से शराब विक्रेता ऑनलाइन ही शराब ले सकेंगे। आबकारी ड्यूटी और परिवहन शुल्क का भुगतान केवल ई-वालेट से ही किया जा सकेगा। ई- आबकारी पोर्टल के माध्यम से किये गये भुगतान की राशि साइबर ट्रेजरी में जमा होगी और उससे भी चालान जनरेट होगा, लेकिन विदेशी शराब देने के लिए सीधे सायबर ट्रेजरी पर किये गये भुगतान के चालान मान्य नहीं होंगे।
वाणिज्यिक कर विभाग ने 1 जून से ये व्यवस्था लागू कर दी है। शराब दुकान लायसेंसी द्वारा किसी पक्ष की निर्धारित पाक्षिक मांग से अधिक राशि जमा किये जाने पर वह स्वत: ही आगामी पक्षों में समायोजित होगी। गाेडाउन से विदेशी शराब देने के लिए न्यूनतम गारंटी राशि के अलावा देय राशियां जैसे वेट, आयकर और ईडीपी का भुगतान शराब दुकान के लायसेंसी द्वारा ई-आबकारी बैंक इंटिग्रेशन के माध्यम से सीधे संबंधित इकाई को किया जायेगा। प्राप्त राशियों को शासकीय मद में जमा करने की जिम्मेदारी संबंधित इकाई की होगी।
विदेशी शराब, बीयर बॉटलिंग इकाई व एफएल- 10ए/ एफएल - 10बी से शराब गोडाउन पर देने के लिए मांग संबंधित इकाई द्वारा ई-आबकारी पोर्टल पर की जायेगी। डिमांड स्वीकार होने के बाद इकाई से गोडाउन के लिए परमिट यथावत वर्तमान विभागीय एप्लीकेशन से ही जनरेट होंगे।
जिले से एनओसी लेने की आवश्यकता नहीं होगी। फुटकर शराब दुकान व बार लायसेंसियों को विदेशी शराब गोडाउन से शराब देने के लिए जिला कार्यालय द्वारा जारी की जाने वाली अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) की आवश्यकता नहीं होगी। सप्लाई संबंधी शर्तों, निर्बन्धनों का पालन पोर्टल द्वारा तय किया जायेगा, लेकिन पोर्टल पर उपलब्ध डाटा व रिपोर्ट्स के आधार संबंधित सहायक आबकारी आयुक्त या जिला आबकारी अधिकारी को निर्धारित न्यूनतम गारंटी राशि जमा कराने की कार्यवाही पहले की तरह ही करनी होगी।
एक बार में 300 बियर पेटी ही ले सकेंगे शराब लायसेंसी मप्र में बियर की डिमांड बढ़ने और गोडाउन में स्टोरेज कम होने की वजह से आबकारी विभाग ने शराब विक्रेताओं के बियर को आपूर्ति की सीमा तय कर दी है। अब एक बार में केवल 300 बियर पेटी ही आपूर्ति की जायेगी। एक दिन में एक से अधिक डिमांड नहीं की जा सकेगी। परमिट पर बना क्यूआर कोड वाहन में होगा चस्पा। शराब सप्लाई के लिए जारी प्रत्येक परमिट के ऊपरी भाग पर एक क्यूआर कोड व परमिट के साथ एक अन्य क्यूआर कोड प्रिन्ट होगा, जिसे शराब गोडाउन परिसर से वाहन रवानगी से पहले संबंधित वाहन पर चस्पा किया जायेगा।
क्यूआर कोड को स्कैन करने पर परमिट की समस्त जानकारी का सत्यापन किया जा सकेगा। विदेशी शराब गोडाउन के प्रभारी अधिकारी द्वारा जारी किये गये परमिट पर डिजिटल सिग्नेचर होंगे। गारंटी राशि जमा नहीं की तो लायसेंस होगा निरस्त शराब लायसेंसी द्वारा गारंटी राशि जमा करने को लेकर भी नई व्यवस्था की गई है। अब अगर एक समूह द्वारा सात दिन में गारंटी राशि जमा नहीं की जाती है तो उसे शराब की सप्लाई नहीं की जायेगी। इतना ही नहीं जिला आबकारी अधिकारी की लाॅग-इन आईडी पर इसका अलर्ट दिखेगा जिसके आधार पर एक समूह का लायसेंस निरस्त कर सकेगा।
Created On :   4 Jun 2022 8:30 PM IST