दुधारू गाय-भैंस पालने के लिए मिलेगा कर्ज, 30% तक मिलेगी सब्सिडी

Loan will be given for cow and buffalo farming with 30% subsidy
दुधारू गाय-भैंस पालने के लिए मिलेगा कर्ज, 30% तक मिलेगी सब्सिडी
दुधारू गाय-भैंस पालने के लिए मिलेगा कर्ज, 30% तक मिलेगी सब्सिडी

डिजिटल डेस्क सीधी। पशुपालन को बढ़ावा देने आचार्य विद्यासागर योजना के तहत दुधारू पशु पालने पर 25 से 30 प्रतिशत तक अनुदान दिया जायेगा। इसके अलावा बैंक से मिलने वाले कर्ज में पांच प्रतिशत ब्याज पशु चिकित्सा विभाग वहन करेगा। लिये गये कर्ज की शेष रकम को पशुपालक सात वर्षों के आसान किश्तों में संबंधित बैंक में जमा कर सकते हैं।
आचार्य विद्यासागर पशुपालन योजना के तहत ही पशुपालन को बढ़ावा देने भारतीय नस्ल की पांच गाय या भैंस की खरीदी करने पर 25 से लेकर 30 प्रतिशत तक मार्जिन मनी शासन दे रही है। योजना के तहत सामान्य वर्ग के लोगों के लिए 25 प्रतिशत एवं अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए 30 प्रतिशत की मार्जिन मनी देने का प्रावधान है। पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालक डॉ. एमपी गौतम ने बताया कि इस योजना के लिए करीब एक एकड़ जमीन हितग्राही के नाम होना चाहिए। जिन हितग्राहियों के पास जमीन का दस्तावेज विभाग में उपलब्ध होगा। उसके तहत कम से कम पांच भारतीय नस्ल या उनकी इच्छा के अनुसार पशु क्रय करना जरूरी है। मार्जिन मनी के रूप में जो राशि निर्धारित है उसके तहत सामान्य वर्ग के पशु पालको को डेढ़ लाख एवं एसटी, एससी के पशु पालको को दो लाख रूपये तक अनुदान शासन द्वारा दिया जा रहा है। इसके अलावा जो राशि बैंक देगा उसमें निर्धारित ब्याज में से पांच प्रतिशत ब्याज पशु विभाग वहन करेगा। यह कर्ज सात वर्षों की आसान किस्त में जमा करने का प्रावधान है। इतना ही नहीं विभाग द्वारा खरीदे गये पशुओं का बीमा भी दे रही है। जिसके तहत पशुधन बीमा योजना में एक हितग्राही के अधिकतम पांच पशुओं का बीमा अनुदान किया जाएगा। जिसमें बीमा प्रीमियम पर अनुदान एपीएल श्रेणी हेतु 50 प्रतिशत तथा बीपीएल एवं एसटी, एससी जाति के पशु पालको के लिए 70 प्रतिशत एवं शेष राशि हितग्राही द्वारा वहन की जाएगी। बीमा प्रीमियम की अधिकतम दर एक वर्ष के लिए 2.45 प्रतिशत तथा तीन वर्ष के लिए 5.95 प्रतिशत देय होगी। इस तरह पशुओं को पालने के लिए सरकार एवं विभाग द्वारा कई योजनाएं लागू की गई हैं।
कृत्रिम गर्भाधान का बढ़ा लक्ष्य
सीधी जिले में देशी गायों के कृत्रिम गर्भाधान के लिए शासन द्वारा लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसके तहत अप्रैल 2017 से अब तक दिये गये लक्ष्य के तहत कृत्रिम गर्भाधान में 58800 लक्ष्य के विपरीत 43396 मवेशियों का गर्भाधान हुआ वहीं वत्सोपादन 20515 लक्ष्य के विपरीत 17005, वधियाकरण का लक्ष्य 15500 था जिसमें 14025 की पूर्ति की गई है। प्राकृतिक गर्भाधान 16000 के विरूद्ध 13234 की पूर्ति हुई है वहीं वत्सोपादन के तहत निर्धारित 9247 के विरूद्ध 7568 की पूर्ति की जा चुकी है। इसी तरह पशुओं के उपचार के लिए चालू वित्तीय वर्ष का लक्ष्य 545500 के विरूद्ध अब तक 428299 एवं टीकाकरण के निर्धारित लक्ष्य 613247 के विरूद्ध 902825 मवेशियों का टीकाकरण विभाग द्वारा करना बताया जा रहा है।
इनका कहना है-
भारतीय नस्ल की गाय को बढ़ावा देने के लिए पशु चिकित्सा विभाग द्वारा उस नस्ल के वीर्य के माध्यम से कृत्रिम गर्भाधान का कार्य किया जा रहा है एवं नृक्रिष्ट देशी नस्ल के गायों से अच्छे दूध उत्पादन करने वाले नस्ल के पशु पैदा किये जा रहे हैं। सरकार पशुपालन को बढ़ावा दे रही है जिसके तहत शाहीवाल, गीर, हरियाणा, केनकथा नस्ल के वीर्य द्वारा कृत्रिम गर्भाधान किया जा रहा है।
डॉ. एमपी गौतम, उपसंचालक पशु चिकित्सा

Created On :   21 Feb 2018 5:29 PM IST

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