टल सकते हैं स्थानीय निकायों के चुनाव

Local bodies elections may be postponed
टल सकते हैं स्थानीय निकायों के चुनाव
उपमुख्यमंत्री ने दिए संकेत टल सकते हैं स्थानीय निकायों के चुनाव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि नए साल में फरवरी में होने वाले स्थानीय निकायों के चुनाव को टाल दिया जाए और अगले तीन महीने यानि मार्च आखिर तक राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के जरिए सुप्रीम कोर्ट को ओबीसी का एम्पिरिकल डेटा उपलब्ध करा दिया जाए। इसके बाद अप्रैल महीने में स्थानीय निकाय के चुनाव कराए जा सकते हैं। लेकिन ओबीसी को स्थानीय निकायों में 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि स्थानीय निकायों के चुनाव को टालने की मांग केवल महाविकास आघाड़ी की नहीं है बल्कि विपक्ष की भी है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल और मई में बारिश नहीं होती है। इसलिए दो महीने के दौरान स्थानीय निकाय चुनाव कराए जा सकते हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य चुनाव आयोग से 21 दिसंबर को होने वाले भंडारा और गोंदिया जिला परिषद और 106 नगर पंचायतों के चुनाव को भी टालने का आग्रह किया है। अब इस संबंध में अंतिम फैसला राज्य चुनाव आयोग को लेना होगा।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि ओबीसी का एम्पिरिकल डेटा जुटाने के लिए राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग को आकस्मिक निधि से राशि दी गई है। जबकि शीतकालीन अधिवेशन में पूरक मांगों के जरिए आयोग को और निधि उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ओबीसी के एम्पिरिकल डेटा उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार को आदेश नहीं दिया जा सकता है। साथ ही शीर्ष अदालत ने स्थानीय निकायों में ओबीसी की 27 प्रतिशत सीटों को सामान्य सीटों के रूप में अधिसूचित करके चुनाव प्रक्रिया पूरी करने को कहा था। 

Created On :   16 Dec 2021 7:35 PM IST

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