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ग्रीन जोन में कर्फ्यू में ढील के बावजूद लॉकडाउन का असर
डिजिटल डेस्क, वर्धा, चंद्रपुर,गड़चिरोली, गोंदिया, भंडारा, अमरावती। कोरोना को लेकर बनाई गई गाइड लाइन में विदर्भ का वर्धा, चंद्रपुर, गड़चिरोली, गोंदिया तथा भंडारा ग्रीन जोन में जबकि अमरावती जिले को ऑरेंज जोन में शामिल किया गया है। केंद्र एवं राज्य सरकार ने 20 अप्रैल से लॉकडाउन में कुछ शिथिलता देने का ऐलान किया था जिसके अनुसार कुछ उद्योगों के साथ ही रोजमर्रा जीवन से जुड़े व्यवसाय शुरू होने की उम्मीद थी। परंतु ग्रीन जोन में शामिल विदर्भ के पांच जिलों में छूट का कोई विशेष असर नहीं दिखाई दिया। हालांकि सड़कों पर अवश्य ही कहीं-कहीं भीड़ नजर आयी।
वर्धा : ग्रीन जोन में शामिल वर्धा जिले में जिले में पहले से ही उत्तम गल्वा कंपनी में केवल पोकोन सेक्टर पूर्ववत शुरू रहा। यूनी स्टील लिमिटेड मे मेन्टेनेंस, सिक्युरिटी, आर्टिकल्चर विभाग बंद रहे। कृषि केंद्र और दवा दुकानें पहले की तरह खुलीं रहीं। सड़कों पर नागरिकों की भीड़ नजर आयी जिसे नियंत्रित करने के लिए चौराहों पर पुलिस का कड़ा बंदोबस्त नजर आया। सरकारी कार्यालयों में भी कर्मचारी काम पर लौटे, उपस्थिति कम रही।
चंद्रपुर : लॉकडाउन खुलने की खबर के बाद अनेक व्यापारियों ने अपनी दुकानें शुरू करने की पूर्वसूचना कामगारों को दे रखी थी जिससे अनेक दुकानों के सामने कामगारों का जमावड़ा नजर आया। परंतु बाद में सभी कामगार बैरंग लौट गए। अत्यावश्यक व जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकानें रोजमर्रा की तरह सुबह ७ से दोपहर २ बजे तक शुरू रहीं। दुर्गापुर इलाके में हार्डवेयर की दुकान को नियम तोडऩे पर सील कर दिया गया। चंद्रपुर के राज्य सरकार से संबंधित कार्यालयों में 10 प्रतिशत बल्कि केंद्र सरकार से संलग्न कार्यालयों में लगभग 33 प्रतिशत कर्मचारी उपस्थित रहे इस आशय की जानकारी मिली है।
गड़चिरोली : आदिवासी बहुल, नक्सलग्रस्त गड़चिरोली जिले की दुकानों में रोजमर्रा की तरह ताले लगे रहे। सुबह 7 से दोपहर 1 बजे तक केवल किराणा और सब्जी की दुकानें शुरू रहीं। व्यापारिक केंद्र के रूप में परिचित देसाईगंज के बाजार में भी सन्नाटा बरकरार रहा। सभी तहसील मुख्यालयों में दुकानें बंद ही रहीं। शासकीय कार्यालयों में केवल 10 प्रतिशत कर्मचारी ही नजर आए।
गोंदिया : जिले के बाजारों पर भी छूट का कोई खास असर नहीं दिखा। केवल किराना एवं मेडिकल स्टोअर्स ही खुले थे। दोपहर में इन दुकानों में भी छा गया। मुख्य बाजार भी वीरान ही नजर आया। पंक्चर आदि की इक्का-दुक्का दुकानें ही खुली रहीं। कुछ रेस्टारेंट खुले थे लेकिन उनके भी शटर आधे ही खुले थे। सरकारी कार्यालयों में केवल 10 प्रतिशत कर्मचारी ही नजर आए।
भंडारा : तीन सप्ताह से भी अधिक समय से बंद पड़े भंडारा जिले के महामार्गों पर स्थित ढाबे फिर से शुरू हो गए। इलेक्ट्रानिक दुकानों के शटर बार-बार चालू बंद होते रहे। कृषि, इलेक्ट्रानिक सामग्री की दुकानें शुरू रहीं लेकिन हार्डवेयर की दुकानें बंद रहीं। बाजार में भी चहल पहल नहीं नजर आयी। सरकारी कार्यालयों में 10 प्रतिशत कर्मियों की ही उपस्थिति दिखाई दी। जो कर्मचारी अन्य गांवों में फंसे हैं वे अपने कार्यालयों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिला परिषद, पंचायत समिति, तहसील कार्यालयों में केवल कर्मचारी नजर आए। नागरिकों की आवाजाही न के बराबर रही।
अमरावती : जिला मुख्यालय के मनपा कार्यालय में लगभग १५० कर्मियों के जरिए काम को गति देने का प्रयास किया गया। इसके साथ ही जिला परिषद, लोकनिर्माण विभाग, जलसंपदा विभाग व अन्य सभी शासकीय कार्यालयों में लगभग 33 प्रतिशत कर्मियों की उपस्थिति नजर आयी। इसके अलावा नांदगांवपेठ टोल नाकों से गुजरने वाले वाहनों से टैक्स वसूली शुरू हो गई। शहर की सड़कों पर भी लोगों की खासी भीड़ दिखाई दी।
Created On :   21 April 2020 12:34 PM GMT