लॉकडाउन : अलग-अलग रहते हैं पति-पत्नी, वीडियो कांफ्रेसिंग से बच्चों से रूबरू होने मिली परमिशन

Lockdown: Husband and wife live separately, permissions received from children through video conferencing
लॉकडाउन : अलग-अलग रहते हैं पति-पत्नी, वीडियो कांफ्रेसिंग से बच्चों से रूबरू होने मिली परमिशन
लॉकडाउन : अलग-अलग रहते हैं पति-पत्नी, वीडियो कांफ्रेसिंग से बच्चों से रूबरू होने मिली परमिशन

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  बॉम्बे हाईकोर्ट ने कोरोना के प्रकोप के बीच एक पिता को अपने दो बच्चों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सप्ताह में तीन दिन मिलने देने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि मुंबई में लॉकडाउन खत्म होने तक बच्चों से मुलाकात के लिए बनाई गई यह व्यवस्था कायम रहेगी। यदि किसी तकनीकी खामी के चलते बच्चे पिता से नहीं जुड़ पाते हैं तो दंपति आपसी सहमति से एक नए दिन का चुनाव कर सकते हैं। ऐसा करते समय पिता की सहूलियत का ध्यान रखा जाए। 

पहले पारिवारिक अदालत ने मां को निर्देश दिया था कि वह अदालत में स्थित चिल्ड्रेन कॉम्प्लेक्स में बच्चों को लेकर आए। ताकि वहां पिता बच्चों से मिल सके। इस दौरान 15 वर्षीय लड़की व नौ साल के बेटे ने भी अपने पिता से मिलने की इच्छा व्यक्त की थी। इसके बाद पारिवारिक अदालत ने पिता को बच्चों से मिलने की इजाजत दी थी और उसे गुजारा भत्ता देने का भी निर्देश दिया था। अब कोरोना के प्रकोप के चलते पैदा हुई परिस्थितियों के चलते पिता वास्तविक रूप से अपने बच्चों से नहीं मिल पा रहा है। इस बीच पत्नी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और दावा किया कि पति गुजारा भत्ते से जुडा पारिवारिक अदालत के आदेश का पालन नहीं कर रहा है।

पारिवारिक झगड़े को देखते हुए हाईकोर्ट ने मामले को मध्यस्थता के जरिए सुलझाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही एक वरिष्ठ वकील को मध्यस्थ भी नियुक्त किया। किंतु जब यह मामला न्यायमूर्ति एस जे कथावाला के सामने सुनवाई के लिए सामने आया तो इस दौरान बच्चों से मुलाकात व पारिवारिक अदालत के आदेश का पालन न किए जाने का मुद्दा उठाया गया। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने बच्चों की मां को निर्देश दिया की वह सप्ताह में तीन दिन सोमवार,गुरुवार व रविवार को शाम 5 से 6 बजे के बीच वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पिता से बच्चों के मिलने की व्यवस्था करे।मां ने भी यह व्यवस्था बनाने को लेकर रजामंदी जाहिर की। यह व्यवस्था मुंबई में लॉकडाउन खत्म होने तक जारी रखा जाए। इस दौरान न्यायमूर्ति ने पिता को गुजारा भत्ता देने का भी निर्देश दिया और कहा कि जब अदालत नियमित रुप से शुरू होगी तो इस मामले की सुनवाई की जाएगी।  

Created On :   28 April 2020 8:19 PM IST

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